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उत्तर प्रदेश में पिचहतर जिले हैं। सभी जिलों में एक जैसी बरसात न होने से सरकार और किसानों को खरीफ की फसलों को लेकर चिंता बढ़ गई है। आमतौर पर यह बरसात के मौसम का आखिरी चरण है।
उत्तर प्रदेश में पिचहतर जिले हैं। सभी जिलों में एक जैसी बरसात न होने से सरकार और किसानों को खरीफ की फसलों को लेकर चिंता बढ़ गई है। आमतौर पर यह बरसात के मौसम का आखिरी चरण है।

उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में भरपूर बारिश न होने से खरीफ की फसलों को लेकर चिंता

उत्तर प्रदेश में पिचहतर जिले हैं। सभी जिलों में एक जैसी बरसात न होने से सरकार और किसानों को खरीफ की फसलों को लेकर चिंता बढ़ गई है। आमतौर पर यह बरसात के मौसम का आखिरी चरण है।

एक ख़बर के मुताबिक जून से अब तक इसके आधे से ज़्यादा ज़िलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश के 75 ज़िलों में से 37 में अब तक कम बारिश हुई है और सात में ज़्यादा बारिश हुई है, जबकि मध्य और पूर्वी भागों के 31 ज़िलों में सामान्य बारिश हुई है ।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश का शामली सबसे ज़्यादा प्रभावित है, जहाँ सामान्य से सिर्फ़ 20.2% बारिश दर्ज की गई है। सीमांत धान किसान मुकीम खान के अनुसार, अपर्याप्त बारिश के कारण जिले के किसान फसल की वृद्धि में कमी से जूझ रहे हैं। श्री खान ने कहा, “पर्याप्त वर्षा के बिना हम धान नहीं उगा सकते। मैंने दो एकड़ से अधिक भूमि पर धान बोया है, लेकिन कम वर्षा के कारण फसल की वृद्धि अच्छी नहीं हुई है।”

अपनी बेहतरीन धान की फसलों के लिए मशहूर शामली में इस साल अब तक सामान्य 448.4 मिमी बारिश में से सिर्फ़ 90.8 मिमी बारिश हुई है। आईएमडी कैलेंडर के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून का मौसम 1 जून से शुरू होकर 30 सितंबर को समाप्त होता है।

आईएमडी के आंकड़ों से पता चलता है कि गौतम बुद्ध नगर जिले में अभी तक सामान्य वर्षा की मात्र 20.9% वर्षा हुई है, इसके बाद अमरोहा में 40.6%, कुशीनगर में 41.3%, चंदौली में 43.1%, फतेहपुर में 43.6%, सहारनपुर में 43.7%, जौनपुर में 46% और अमेठी में 48.4% वर्षा हुई है। जलवायु वैज्ञानिक इस असंतुलन का कारण पश्चिमी विक्षोभ से प्रभावित कमजोर दक्षिण-पूर्वी मानसून को मानते हैं।

भाजपा विधायक और कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि किसान पहले ही इस मुद्दे को लेकर उनसे संपर्क कर चुके हैं।
श्री औलाख ने कहा, “धान उगाने वाले तराई क्षेत्र के किसान बारिश की कमी से प्रभावित हुए हैं। कुछ किसान समूहों ने भी सहायता के लिए मुझसे संपर्क किया है।” उन्होंने कहा कि उन्होंने किसानों को कृषि नुकसान की स्थिति में राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।

पूरे राज्य में अब तक सामान्य से 88.5 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई है। अधिक बारिश वाले जिले हैं औरैया (182.1%), बलरामपुर (157.2%), एटा (156.9%), बस्ती (155.9%), फिरोजाबाद (125.7%), बरेली (122.6%) और महाराजगंज (120.3%)।

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