नगालैंड के छह जिलों में वोटिंग प्रतिशन शून्य रहा। यहां मतदान केंद्रों पर मतदान कर्मी करीब 9 घंटे तक मतदाताओं का इंतजार करते रहे लेकिन चार लाख मतदाताओं में एक भी वोटर मतदान करने नहीं आया। दरअसल यहां एक अलग राज्य की मांग के लिए जनजातीय संगठनों की शीर्ष संस्था ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गेनाइजेशन (ईएनपीओ) द्वारा बंद का ऐलान किया गया था। इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि जिला प्रशासन और अन्य आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर पूर्वी नागालैंड की प्रमुख सड़कों पर लोगों और वाहनों की कोई आवाजाही नहीं देखी गई। नागालैंड के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी आवा लोरिंग ने कहा कि क्षेत्र के 738 मतदान केंद्रों पर सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान कर्मी मौजूद थे। इसमें 20 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं और बताया गया है कि इन क्षेत्रों के 20 विधायकों ने भी वोट नहीं डाला । सूत्रों ने बताया कि उन नौ घंटों के दौरान मतदान केंद्र पर कोई भी वोट डालने नहीं आया। नागालैंड के कुल 13.25 लाख मतदाताओं में से पूर्वी नागालैंड के छह जिलों में 4,00,632 मतदाता हैं। ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गेनाइजेशन (ईएनपीओ) द्वारा छह जिलों वाले एक अलग राज्य की मांग की जा रही है। संगठन का आरोप है सरकारों ने इस क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक विकास नहीं किया है। यह पहले ही आगाह कर दिया गया था कि अगर कोई व्यक्ति मतदान करने गया और कानून-व्यवस्था से संबंधित कोई भी हालात पैदा हुए, तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित मतदाता की होगी। नगालैंड के सीईओ वायसन आर ने इस मामले में ईएनपीओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया। राज्य के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि सरकार को ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन की एफएनटी की मांग से कोई समस्या नहीं है क्योंकि वह पहले ही इस क्षेत्र के लिए स्वायत्त शक्तियों की सिफारिश कर चुकी है। बता दें कि ईएनपीओ पूर्व नगालैंड के सात जनजातीय संगठनों की शीर्ष संस्था है। सीएम नेफियू ने कहा कि उन्होंने फ्रंटियर नगालैंड टैरिटरी (एफएनटी) के लिए ड्राफ्ट वर्किंग पेपर स्वीकार कर लिया है।
Tags @@7. प्हले चरण में नगालैंड के छह जिलों में शून्य मतदान
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