प्रयागराज और कौशांबी के सेबिया व सफेदा अमरूद की पहली खेप को हरी झंडी दिखाकर ओमान के लिये रवाना किया गया। पहली खेप में 6 कुंटल सेबिया व सफेदा अमरूद भेजा गया है। अमरूद की इस पहले खेप को भेजने का जिम्मा प्रयागराज की कंपनी माइस ओवरसीज को सौंपा गया है।
राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि इस अमरूद को कंपनी द्वारा बाजार मूल्य से अधिक रेट पर खरीदकर ओमान भेजा गया है। इससे किसानों की आय डबल हो रही है। कौशांबी जिले में सेबिया अमरूद को गरीब का सेब भी कहा जाता है। अभी तक इस अमरूद को लोग इलाहाबादी सेबिया अमरूद के रूप मे जानते थे लेकिन अब लोग कौशांबी का सेबिया नाम से जानते है।
प्रदेश के किसानों के उत्पादो को विदेशी बाजारों तक पहुचाने का कार्य किया जा रहा है।इस बार आम के सीजन में लखनऊ के आम को रूस के मास्को भेजा गया था, जहां पर लखनऊ के आम की तारीफ के साथ ही यहां के 80 रूपये प्रति किलो आम के वहां पर 800 रूपये प्रति किलो तक मूल्य मिला है।
अपने स्वाद और रंग के लिये खा़स पहचान वाला इलाहाबाद (प्रयागराज) और कौशाम्बी का सेबिया और सफेदा अमरूद ओमान भेजा गया है. गंगा यमुना के बीच प्रयागराज और कौशाम्बी की भूमि एवं जलवायु की विशेषता में पैदा होने वाला सेबिया और सफेदा अमरूद विश्व के अन्य स्थानों पर उत्पादित अमरूद से अधिक स्वादिष्ट होता है। इस अमरूद की ओमान में अधिक मांग है।वहां की मांग के तहत अभी पहली खेप में 6 कुन्टल अमरूद भेजा गया है और किसानों को यहां के बाजार मूल्य से अधिक दर से भुगतान भी मिल रहा है। किसानों के अमरूदों को निर्यात कम्पनी द्वारा सीधे उनके खेतों से खरीदा गया।किसानों को अपने बागों पर ख़रीदा गया है ।
इलाहाबादी सेबिया अमरूद की एक किस्म है, जो बिल्कुल सेब की तरह दिखती है. वहीं इलाहाबाद की सबसे मशहूर सफेदा और सुर्खा प्रजाति की अमरूदों की महक विदेश के कोने- कोने तक फैली हुई है। इलाहाबादी सुर्खा की सबसे ज्यादा मांग है।इसकी पहचान लाल रंगत और लाजवाब स्वाद है। सर्दियों के मौसम में प्रयागराज में सेब से महंगी कीमतों पर इलाहाबादी अमरूद बिकता है।