उत्तर प्रदेश में गन्ना क्षेत्रफल में वृद्धि दिखती नजर आ रही है और साथ ही किसानों का गन्ना खेती में भी रूझान बढ़ रहा रहा है। वर्तमान सीजन में गत 07 वर्षों के मुकाबले सर्वाधिक गन्ना क्षेत्रफल दिख रहा है।
गन्ना विभाग के आकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में सीजन 2023-24 में हुआ अबतक का सर्वाधिक गन्ना क्षेत्रफल 29.66 लाख हेक्टेयर, जो की गत वर्ष 2016-17 के गन्ना क्षेत्रफल से भी 9.12 लाख हेक्टेयर अधिक है।
गन्ना विभाग के मुताबिक, राज्य में बढ़े गन्ना क्षेत्रफल से कृषक हो रहे है लाभांवित और किसानों में गन्ना खेती के लिए रुझान बढ़ रहा है।
अगर आकड़ों की बात करे तो, नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज लिमिटेड (NFCSF) के मुताबिक, 15 जनवरी 2024 तक 465.66 लाख टन गन्ने की पेराई हो चुकी है और अब तक चीनी उत्पादन 46.10 लाख टन हुआ है।
दूसरी ओर योगी ने लखनऊ में गन्ना किसान संवाद कार्यक्रम के दौरान कहा, जब हमारी सरकार बनी तो गन्ने का समर्थन मूल्य 315 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था, लेकिन किसानों को वह राशि नहीं मिल रही थी। हमने कार्रवाई की और अब 120 में से 105 चीनी मिलें 10 दिनों के भीतर गन्ने का भुगतान कर रही हैं। 100% भुगतान हासिल करने के लिए भी प्रयास चल रहे हैं।
योगी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि, कैसे उनकी सरकार ने 86 लाख किसानों का कर्ज माफ किया। उन्होंने कहा, किसान भारी कर्ज के कारण आत्महत्या करने को मजबूर थे। प्रदेश में बिजली, उर्वरक और सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं थी। जब हमारी सरकार बनी थी, तब लगभग 110 चीनी मिलें मुश्किल से चालू थीं। उनका 2010 से 2017 तक का गन्ना भुगतान भी लंबित था। हमने गन्ना किसानों के लंबित भुगतान को प्राथमिकता दी और 120 चीनी मिलों को चालू कराया।