सर्दियों में काली को खाना लाभकारी है। आंखों की कमजोरी से लेकर ब्लड प्रेशर की बीमारी तक में इसे बेहतर व सस्ता उपचार बताया गया है। आयुर्वेद की किताबों में काली गाजर को प्राकृति का अनमोल उपहार कहा गया है। काली गाजर की खेती भी अब किसानों की अतिरिक्त आमदनी का जरिया बना है। काली गाजर एंथोसियानिन्स से भरपूर होती है, दो इसे गहरा बैंगनी रंग देता है, जो बिल्कुल काला लगता है।
काली गाजर में वात रोगों के लिए फायदेमंद कहा गया है। काली गाजर में anthocyanins मौजूद होते हैं, जो कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकते हैं और शरीर में सूजन को कम करते हैं।
काली गाजर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स दिल की सेहत को बढ़ावा देते हैं। यह क्लोट को बनने से रोकते हैं और प्लेटलेट्स के काम को बेहतर बनाते हैं। काली गाजर में मौजूद पोषक तत्व रक्त वाहिकाओं को आराम करने में मदद करते हैं और दिल के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं। यह खून में कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं।
काली गाजर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स दिल की सेहत को बढ़ावा देते हैं। यह क्लोट को बनने से रोकते हैं और प्लेटलेट्स के काम को बेहतर बनाते हैं। काली गाजर में मौजूद पोषक तत्व रक्त वाहिकाओं को आराम करने में मदद करते हैं और दिल के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं। यह खून में कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं।
काली गाजर का मुरब्बा सर्दियों में खाने की सलाह आज भी पुराने हकीम-वैद्म खाने की सलाह देते हैं। काली गाजर का हलवा, अचार, मुरब्बा, सब्जी के अलावा मिट्टी के बर्तन में तैयार कांजी को भी लोग पसंद करते हैं। लाल गाजर की तरह काली गाजर भी आंखों की रोशनी के लिए अच्छी होती है। यह ग्लोकोमा और रेटिनल इंफ्लेमेशन से जूझ रहे लोगों के लिए फायदेमंद साबित होती है। साथ ही इसका सेवन आंखों में खून के दौरान को बढ़ाने का काम करता है।
काली गाजर के सेवन करने से कई गंभीर बीमारियों से आपको छुटकारा मिल सकता है. क्योंकि काली गाजर में आयरन, तांबा, पोटेशियम, फास्फोरस, जस्ता भरपूर मात्रा में होता हैं. इसके साथ-साथ यह विटामिन ए, बी, सी तथा ई का अच्छा स्रोत है। काले गाजर में बीटा कैरोटीन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. जो आंखों की बीमारी, डायबिटीज, हाई शुगर लेवल, कैंसर समेत दिल से जुड़ी खतरनाक बीमारियों के लिए लाभदायक है. उन्होंने बताया कि इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम, फाइबर, आयरन, बीटा कैरोटिन और विटामिन C होता है, जो शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।