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हरियाणा : कपास (नरमा) की जगह धान की बिजाई में जुटे हैं किसान

फतेहाबाद जिले मे किसानों को नरमा की फसल से मोह भंग हो रहा है। पिछले साल की बजाए इस साल 6 हजार हेक्टेयर नरमा की फसल की बिजाई नहीं हुई है। इसके पीछे मुख्य कारण सफेद मक्खी का प्रकोप व गुलाबी सुंडी बताया जा रहा है। नरमे के घटते रकबे के बाद अब धान की ओर किसानों का रुख अधिक हो गया है। जिले में जहां पिछले साल 1 लाख 39 हजार हेक्टेयर पर धान की रोपाई हुई थी। कृषि विभाग के अनुसार, इस बार धान का रकबा बढ़ेगा।

इस बार जिले में धान की रोपाई की ओर किसानों का अधिक रुझान देखा जा रहा है। 15 जून से धान की रोपाई का कार्य आरंभ किया गया था और अब तक जिले में 55 हजार हेक्टेयर पर धान की रोपाई हो चुकी है। अब बरसात होेने पर धान की रोपाई और जोर पकड़ेगी| कृषि विशेषज्ञों की मानें तो इस बार धान का रकबा पिछले साल को पार कर जाएगा। पिछले साल जिले में 1 लाख 18 हजार हेक्टेयर पर धान की रोपाई हुई थी। वहीं घटते जलस्तर को देखते हुए हरियाणा सरकार ने किसानों को धान की सीधी बिजाई करने पर प्रति एकड़ 4 हजार रुपये का अनुदान देने की घोषणा की हुई है। पिछले साल जहां धान की सीधी बिजाई 4 हजार एकड़ में हुई थी, वहीं इस बार 10 हजार एकड़ जमीन पर किसानों ने धान की सीधी बिजाई की है

फतेहाबाद जिले में पिछले साल 65 हजार हेक्टेयर जमीन पर नरमा की बिजाई हुई थी। इस साल रकबा घटकर 59 हजार हेक्टेयर पर आ गया है। नरमा की बिजाई को लेकर सबसे मुख्य कारण तो इस बार मार्च माह से आरंभ हुई भयंकर गर्मी रही। गर्मी के कारण नरमा की बिजाई के बाद जो पौध निकली, वह जल गई। किसानों को दोबारा बिजाई करनी पड़ी।

वहीं पिछले साल सफेद मक्खी व गुलाबी सुंडी ने भी किसानों की नरमे की फसल पर कहर बरपाया, जिस कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ। यही कारण रहा है कि इस बार नरमे की फसल की ओर किसानों का मोह भंग हो गया है। हाईब्रिड नरमा भी इन बीमारियों से नहीं बच रहा है और किसान पिछले साल उम्मीद के अनुसार, नरमा की फसल नहीं लगा पाए।

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