हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को वैध करने की तैयारी है। सरकार द्वारा गठित कमेटी ने इसे लेकर शुक्रवार को सदन में अपनी रिपोर्ट पेश की। राजस्व मंत्री एवं कमेटी के चेयरमैन जगत नेगी ने कहा कि हिमाचल में इंडस्ट्रियल और औषधीय इस्तेमाल के लिए भांग की नियंत्रित खेती की जा सकती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पहला राज्य है, जिसने भांग की खेती की है।
हिमाचल में यह पौधा सभी जिलों में उगता है, मौजूदा समय में नशीली दवाओं के संभावित उपयोग के कारण विभिन्न एजेंसियों द्वारा इस पौधे को नष्ट किया जा रहा है। हालांकि इंडस्ट्रियाल भांग की खेती पर्यावरण के लिए खतरनाक नहीं है, क्योंकि इसमें कार्बन की मात्रा कम है। यही नहीं इस पौधे को आवारा पशु, जंगली जानवर भी नष्ट नहीं कर सकते।
औद्योगिक भांग के पौधे को बड़े स्तर पर हिमाचल में उगाया जा सकता है। इस पौधे में पाए जाने वाला CBD (कैनाबाइडियल) कैंसर, मिर्गी, पुराने दर्द में भी प्रभावी है। भांग की खेती से ग्रामीण आर्थिकी को बढ़ावा मिलेगा और इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
विधानसभा के बजट सत्र में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने इसे लेकर राजस्व मंत्री की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। इसके बाद कमेटी ने उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और जम्मू का दौरा किया। इन तीनों राज्यों में पहले से ही भांग की खेती की जा रही है।