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आंध्र प्रदेश में सिंचाई के संकट की वजह से कम पानी वाली और दलहनी फसलों को बढ़ावा 

इस साल ‘अलनीनो’ की वजह से पूरे देश में औसत से काफी कम बारिश हुई है। इसका असर आंध्र प्रदेश में भी पड़ा है। यहां पर भी कम बारिश होने से जलाशयों में पानी का स्तर काफी नीचे चला गया है। इससे किसानों को सिंचाई करने में परेशानी हो रही है। ऐसे आंध्र प्रदेश में किसान बड़े स्तर पर धान की खेती करते हैं। यहां 13 जिलों में सबसे अधिक धान की पैदावार होती है। हालांकि, गुंटूर सहित कई जिलों में किसान दाल की भी खेती करते हैं।

आंध्र प्रदेश में भी कम बारिश होेने से किसानों को सिंचाई के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। ऐसे में कई जिलों में प्रशासन ने किसानों से ऐसी दालों की खेती करने की सलाह दी है, जिसमें बहुत कम सिंचाई की जरूरत पड़ती हो।

आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में किसान अब दाल की खेती करेंगे। संयुक्त कलेक्टर केतन गर्ग का कहना है कि जिले में काम बारिश होने से सिंचाई के लिए पानी की किल्लत हो गई है। ऐसे में किसानों को दालों की खेती करनी चाहिए, ताकि सिंचाई के लिए कम से कम पानी की जरूरत पड़े और फसल की पैदावार भी अच्छी हो। संयुक्त कलेक्टर केतन गर्ग के अनुसार किसानों को अब चावल और मक्का जैसी फसलों की बुआई करने से बचना चाहिए, क्योंकि इनकी खेती में बहुत अधिक पानी का दोहन होता है।

उन्होंने कहा कि एचएलसी (उच्च स्तरीय नहर) से अब पानी नहीं छड़ा जा रहा है। इसकी वजह से जलाशयों में पानी का भंडार बहुत कम हो गया है. ऐसे में सिंचाई के लिए पानी छोड़ना संभव नहीं है। हमें पानी की बूंद- बूंद बचाने की जरूरत है। खास बात यह है कि पानी के दोहन को कम करने के लिए किसानों को जागरूक किया जाएगा। उन्हें ऐसी फसल की खेती करने के लिए कहा जाएगा, जिसमें कम से कम पानी की जरूरत पड़े। इसके लिए कृषि विभाग और संबद्ध शाखाओं के क्षेत्रीय अधिकारी गांव- गांव घूमकर किसानों से मिलेंगे और ऐसी दालों की खेती करने की सलाह देंगे, जिसमें बहुत ही कम सिंचाई की जरूरत पड़े।

संयुक्त कलेक्टर ने कहा कि किसानों को रबी सीजन के दौरान बोरवेल के नीचे दालों और छोटे अनाजों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने संबंधित अधिकारियों को रागी जैसी फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए रायथु भरोसा केंद्र में बैठकों की एक श्रृंखला आयोजित करने का निर्देश दिया. वहीं, जिला परिषद अध्यक्ष बोया गिरिजम्मा ने कहा कि मौजूदा सूखे की स्थिति को देखते हुए किसानों को हर तरीके से समर्थन दिया जाना चाहिए।

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