चुनाव प्रचार अभियान में जमकर पसीना बहाने वाले पांच राज्यों के नतीजों पर कांग्रेस की भी नजर है| इन नतीजों से पार्टी की आगे की दशा और दिशा दोनों तय होगी| अब राजनीतिक दलों को नतीजों का इंतजार है| कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है| ऐसे में पांच राज्यों के नतीजे 2024 के लोकसभा चुनाव के लिये पार्टी की बिसात बिछाने में महत्वपूर्ण होंगे|
बीते कई विधानसभा चुनाव में पार्टी को लगातार हार का सामना करना पड़ा है| दो बार आम चुनाव में भी कांग्रेस मात खा चुकी है| ऐसे में इस बार के चुनावों में जीत या हार का पार्टी के राजनीति पर खासा असर पड़ने वाला है| क्योंकि इन चुनावों की जीत या हार का पार्टी पर खासा प्रभाव पड़ने वाला है|
इसी 10 मार्च का दिन जितना पांच राज्यों के लिए अहम है, उससे कहीं ज्यादा अहम सियासी दलों के लिए है| चुनाव प्रचार अभियान में जमकर पसीना बहाने के बाद अब राजनीतिक दलों को नतीजों का इंतजार है|कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है
ऐसे में पांच राज्यों के नतीजों पर कांग्रेस की भी नजर है| इन नतीजों से पार्टी की आगे की दशा और दिशा दोनों तय होगी|
गौरतलब है कि बीते कई विधानसभा चुनाव में पार्टी को लगातार हार का सामना करना पड़ा है| दो बार आम चुनाव में भी कांग्रेस मात खा चुकी है| ऐसे में इस बार के चुनावों में जीत या हार का पार्टी के राजनीति पर खासा असर पड़ने वाला है| इन चुनावों की जीत या हार का पार्टी पर खासा प्रभाव पड़ने वाला है|
कांग्रेस बीजेपी के खिलाफ मुख्य विपक्षी पार्टी है, ऐसे में कांग्रेस दो या दो से अधिक राज्यों में जीत दर्ज करती है तो उसकी रुतबा बढ़ेगा| अगर इन चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर नहीं होता है तो उसकी साख पर असर आयेगा| वो भी उस समय जब यूपीए से इतर ममता बनर्जी केन्द्र के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में लगी है|
इसके अलावा कांग्रेस के अंदरखाने में मौजूद कुछ बागी नेताओं को पार्टी को नीचा दिखाने का एक और मौका मिल जाएगा| वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए भी ये किसी परीक्षा के कम नहीं| पांच राज्यों के चुनाव में उन्होंने पार्टी प्रत्याशियों के लिए जमकर मेहनत की है| इसके अलावा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का भी इसी साल चुनाव होने वाला हैं| ऐसे में अगर कांग्रेस की जीत होती है तो पार्टी के अंदर राहुल गांधी का कद और बड़ा होगा|