सेब उत्पादक संघ के प्रदेशाध्यक्ष सोहन ठाकुर ने बताया कि सेब की पैकिंग अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से होनी चाहिए। प्रति पेटी 20 किलो से ज्यादा सेब भरने की इजाजत गलत है। इसके लिए सरकार को यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य करना होगा। बागवानों की बार-बार मांग के बावजूद इस मांग को पूरा नहीं किया जा रहा।
हिमाचल सरकार ने प्रति पेटी अधिकतम 24 किलो सेब भरने का निर्णय लिया है। सीजन नजदीक आने से पहले इसके खिलाफ विरोध के स्वर उठने लगे हैं। सेब उत्पादक संघ ने इस शर्त को वापस लेने और टेलीस्कोपिक की जगह यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य करने की मांग की है। ऐसा नहीं करने पर संघ ने आंदोलन और कोर्ट में जाने की चेतावनी दी है।
इन सब मांगों को लेकर सेब उत्पादक संघ बीते एक सप्ताह से एप्पल बेल्ट में निरंतर बैठकें कर रहा है। इनमें बागवानों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। सेब उत्पादक संघ के प्रदेशाध्यक्ष ने बताया कि 3 जून को नारकंडा में राज्य कार्यकारिणी की बैठक रखी गई है। इसमें आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।
महेंद्र वर्मा ने सेब ढुलाई की दर्रें वजन से हिसाब से तय करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सेब सीजन सिर पर है, लेकिन सरकार अभी सोई हुई है। सीजन की तैयारियां अब तक नहीं की गई। सड़कों की हालत भी खस्ता बनी हुई है। खासकर संपर्क मार्गों पर गड्ढ़ों की वजह से इस बार सेब को मंडियों तक पहुंचाना चुनौतीपूर्ण होगा।