झारखंड सरकार राज्य के 38,432 आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री स्कूल के रूप में विकसित करने जा रही है। इसके लिए समाज कल्याण विभाग ने कार्य योजना तैयार कर ली है। विभाग एक नई योजना आंगनबाड़ी चलो अभियान इसी वर्ष शुरू करेगा।
बेहतर शैक्षणिक वातावरण सुनिश्चित करने के लिए सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में बेंच और डेस्क जैसी सुविधाएं क्रमवार बढ़ाई जाएंगी। साथ ही, अध्ययन सामग्री की व्यवस्था भी सुनिश्चित होगी। आंगनबाड़ी के बच्चों को बेहतर शिक्षा, गर्म, ताजा और पका हुआ पोषाहार दिया जाएगा।
यही नहीं इन केंद्रों में करीब 12.50 लाख बच्चों को राज्य सरकार यूनिफॉर्म (ड्रेस) और जूते भी देगी। सरकार का मकसद है कि छोटे बच्चों का जब सरकारी स्कूल में कक्षा एक में एडमिशन हो तो वे बौद्धिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह से विकसित हों। इस पूरी योजना पर करीब 338 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।khalihannews.com
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने के लिए राज्य के दो हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को नर्सरी (प्री स्कूल या बालवाटिका) से शिक्षा देने की भी एक अलग योजना है। केंद्र सरकार द्वारा पोषित यह योजना वैसे आंगनबाड़ी केंद्र पर लागू होगी जो स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा संचालित स्कूलों के परिसर में हैं।
इन केंद्रों में करीब 12.50 लाख बच्चों को राज्य सरकार यूनिफॉर्म (ड्रेस) और जूते भी देगी। सरकार का मकसद है कि छोटे बच्चों का जब सरकारी स्कूल में कक्षा एक में एडमिशन हो तो वे बौद्धिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह से विकसित हों। इस पूरी योजना पर करीब 338 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।