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पराली से किसान मालामाल, दो साल में एक करोड़ 10 लाख का उठाया लाभ

हरियाणा में अम्बाला जिले के धान पैदा करने वाले किसान अब धान के अवशेष पराली को बेचकर अतिरिक्त आमदनी कर रहे हैं | किसान , हरियाणा-सरकार की घोषित योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आमदनी बढा रहे हैं|

जिले के किसान पराली न जलाकर मालामाल हो गए हैं। जिसके चलते किसानों ने 1 करोड़ 10 लाख 78 हजार 660 का लाभ उठाया। क्योंकि इस योजना के चलते कृषि एवं कल्याण विभाग की ओर से प्रति एकड़ एक हजार रुपये की राशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाती है। इसके साथ अपने खेतों के मित्र कीटों को भी बचा लिया।

बता दें कि जो किसान बेलर से पराली की गांठ बनवाकर खेत से बाहर निकालते थे। उन्हें प्रति एक एकड़ राशि दी जाती है। इसी योजना के तहत 2020-21 में 910 किसानों ने लाभ उठाया था। जिसमें 68 लाख 65 हजार 10 रुपये की राशि प्रोत्साहन के रूप में ली थी। इसी तरह 2021-22 में 489 किसानों ने पराली नहीं जलाई थी, जिस पर 42 लाख 13 हजार 650 रुपये प्रोत्साहन के रूप में मिले। जिस पर कुल 1 करोड़ 10 लाख 78 हजार 660 रुपये किसानों को मिले हैं।

जिला में लगभग 56 हजार किसान खेती बाड़ी करते हैं, जिनमें से काफी उन्नतशील किसान भी हैं जो सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ लेते हैं। इतना ही नहीं वैज्ञानिकों के मार्ग पर चलकर फसल की अच्छी पैदावार लेते हैं। लेकिन काफी किसान जागरूकता के अभाव में योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे। पराली प्रबंधन बड़ी समस्या बन गई है। किसान पराली जलाते हैं जिस कारण धुआं निकलता है और वायु प्रदूषण होता है। लेकिन सरकार द्वारा रोक लगाने के आदेश दिए थे। किसान जागरूक हो और पराली को न जलाएं इसके लिए प्रति एकड़ एक हजार रुपये राशि की योजना शुरू की गई थी।

पराली प्रबंधन में जिला के दो गांव जिनमें उगाड़ा और बाड़ा में पराली नहीं जलाई गई थी। जिसमें दोनों गांवों ने अहम भूमिका निभाई थी। इस पर प्रदेश सरकार की ओर से किसानों को प्रोत्साहित करने लिए लगभग 9 लाख रुपये तक की राशि मिली थी।

अभी तक किसानों को खेत से पराली की गांठ बनाकर बाहर निकालने पर ही प्रति एकड़ एक हजार रुपये राशि मिलती थी। लेकिन इस साल एक ओर योजना शुरू की गई है। जिसमें किसान पराली को खेत में ही दबा सकता है। उसके भी किसान को प्रति एकड़ एक हजार रुपये मिलेंगे। लेकिन इसके लिए किसानों को पराली प्रबंधन के लिए पोर्टल पर अप्लाई करना होगा।

अभी तक किसानों को पराली की गांठ खेत से बाहर निकालने पर ही प्रति एकड़ एक हजार रुपये राशि दी जाती थी। लेकिन इस साल एक ओर शुरूआत की गई है। जिसमें किसान खेत में पराली दबा सकते हैं। उसके भी एक हजार रुपये मिलेंगे।

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