tag manger - बिहार : धान की नयी किस्म से ज्यादा उपज, कम खाद-पानी से तैयार होगी – KhalihanNews
Breaking News

बिहार : धान की नयी किस्म से ज्यादा उपज, कम खाद-पानी से तैयार होगी

बिहार कृषि विश्विद्यालय भागलपुर में सबौर मंसूरी की खोज की गयी है| यह एक अलग किस्म की धान है| इस धान को उपजाने के लिए किसानों को आम धान की तरह अधिक पानी और खाद की जरुरत नहीं होगी| ये कम पानी और कम खाद की खपत के साथ तैयार हो जाएगा| इसका उत्पादन प्रति हेक्टेयर 60 से 70 क्विंटल हो सकेगा| जिसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा| कम खर्च के साथ अधिक धान की प्राप्ति किसानों के लिए लाभदायक होगी|

सबौर मंसूरी के पौधे करीब 100 सेंटीमेटर लंबे हैं और बुआई के बाद 140 दिनों के अंदर पक कर तैयार हो जाते हैं| इसके दाने का रंग गोल्डन और नाटी मंसूरी जैसा होता है| एक पौधे में 20 से 25 कल्ले होते है| एक बाली में 250 से अधिक भरे हुए दाने मिलते हैं| इस धान की खासियत यह है कि इसके पौधे में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर है| ये कई रोगों से मुक्त रहता है| इसका तना कीटों के लिए सहनशील है|

सबौर मंसूरी धान उस भूमि पर बेहतर उत्पादन देगा जहां कम पानी की जरूरत पड़ती है| वर्षा पर आश्रित भूमि पर भी ये बढ़िया फसल देगी|

मिली जानकारी के अनुसार इसे वीर कुंवर सिंह कॉलेज, डुमरांव के कृषि वैज्ञानिक डॉ प्रकाश सिंह व उनकी टीम ने तैयार किया है| करीब 8 साल की मेहनत व किसानों की मदद से इस पर रिसर्च किया जा सका और ये वेराइटी तैयार की गयी है| किसानों को अच्छी आमदनी और समय पर कटनी करके गेहूं की बुआई करने के ख्याल से इसपर काम किया गया|

इसी तरह से धान की सबौर हीरा किस्म को बिहार के कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है| सबौर की यह किस्म एकदम हीरे की तरह चमकदार चावल प्रदान करती है जिसके चलते इसका नाम सबौर हीरा रखा गया है| यह किस्म न सिर्फ किसानों को मालामाल करेगी बल्कि स्वास्थ्य लाभ के भी उपयोगी है|

About admin

Check Also

महाकुंभ में अतिरिक्त मेला स्पेशल ट्रेनों का परिचालन होगा आसान

महाकुंभ में अतिरिक्त मेला स्पेशल ट्रेनों का परिचालन होगा आसान

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के आयोजन को लेकर युद्धस्तर पर तैयारियां चल रही हैं। दिव्य …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *