मोदी-सरकार ने खरीफ की 14 फसलों समेत कुल 17 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी| केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी दी| उन्होंने बताया कि वर्ष 2022-23 के लिए खरीफ की फसलों की एमएसपी तय करते समय इस बात का पूरा ख्याल रखा गया कि किसानों को उत्पादन लागत से 1.5 गुणा समर्थन मूल्य मिले|
अनुराग ठाकुर ने कहा कि 2014 तक 1.51 लाख मीट्रिक टन दलहन की खरीद होती थी, जो अब बढ़कर 112.63 लाख मीट्रिक टन हो गयी है| धान के लिए एमएसपी का भुगतान वर्ष 2007 से 2014 तक 2.58 लाख करोड़ रुपये था, जो बढ़कर 7.43 लाख करोड़ रुपये हो गया| वर्ष 2007 से 2014 तक एमएसपी पर गेहूं की 1.99 लाख करोड़ रुपये की खरीद होती थी, जो अब 2014-21 में बढ़कर 3.65 लाख करोड़ रुपये हो गयी है|
इस साल तिल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में सबसे अधिक ₹452 प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है, जबकि तुअर और उड़द के भाव में ₹300 प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है।
धान की एमएसपी में 100 रुपए की बढ़ोतरी की गई है| 2021-22 में धान की एमएसपी 1940 रुपए थी| तिल की एमएसपी में भी बढ़ोतरी की गई है| तिल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 523 रुपए की बढ़ोतरी की गई है| जबकि सूरजमुखी की एमएसपी में 385 रुपए का इजाफा किया गया है| इसके अलावा भी कई फसलों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की गई है|
कपास के समर्थन मूल्य में 354 रुपए की बढ़ोतरी,
सोयाबीन के समर्थन मूल्य में 350 रुपए का इजाफा होगा|
उड़द, मूंगफली, अरहर की एमएसपी में 300 रुपए की बढ़ोतरी की गयी है|
मक्का की एमएसपी में 92 रुपए की बढ़ोतरी के साथ ही
ज्वार की एमएसपी में 232 रुपए का इजाफा किया गया है|
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार ने पिछले 8 सालों में किसानों के हित में कई फैसले लिए हैं| उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई फैसले किए हैं| बीज के बाजार को ध्यान में रखकर फैसले हुए हैं, जिससे फायदा हुआ है|