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झारखंड : पलामू इलाके के 420 एकड़ को बनाया जायेगा रसीले फलों का हब

बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत झारखंड के पलामू जिले के प्रखंडो में रसदार फलों के पौधे लगाए जाएंगे| इसके लिए जमीन चिन्हित कर ली गयी है और गड्ढे की खुदाई का काम चल रहा है| इसके जरिए पलामू को रसदार फलों का उत्पादन हब बनाने की योजना है| साथ ही किसानों के लिए अतिरिक्त आय का ज़रिया बनेगा|

बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत पलामू जिले के ना सिर्फ रामगढ़ प्रखंड की पंचायतों में पौधे लगाने के लिए गड्ढें की खुदाई का काम चल रहा है बल्कि जिले के 21 प्रखंडों में यह कार्य किया जा रहा है| योजना के पहले चरण में प्रत्येक पंचायत की 20-20 एकड़ जमीन पर रसदार फलों की खेती करने के लिए जमीन चिन्हित की गयी है| इनमें से 146 एकड़ जमीन में बागवानी की स्वीकृति मिल चुकी है| जबकि राज्य में 420 बागवानी के लिए 420 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है|

जिले के रामगढ़ पंचायत में बिरसा ग्राम योजना के तहत जमीन चिन्हित की गयी है जहां पर रसदार फल संतरा, कीनू, मौसमी और नींबू समेत अन्य फलों के पौधे लगाए जाएंगे| कृषि विशेषज्ञों यह मान कर चल रहे हैं कि जब यह पौधे बड़े हो जाएंगे और फल देने लगेंगे तब किसानइसे बेचकर अच्छी कमाई कर सकेंगे| इस तरह से यह जिला झारखंड में फल उत्पादन का हब बन जाएगा|इससे किसानों को नकदी आय मिलेगी. किसानों की आय बढ़ेगी|

बागवानी के लिए जमीन चिन्हित करने के बाद यहां पर तेजी से गड्ढे बनाने का कार्य चल रहा है| जून महीने में पौधारोपण शुरू हो जाए, विभाग द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है| योजना के तहत जो जमीन फल के पौधे लगाने के लिए चिन्हित की गयी है, वह पूरी जमीन रैयती है यानि किसानों की है| रैयती जमीन में पौधे लगाने से फायदा यह होगा की किसान अपनी जमीन में पौधों की देखभाल पूरे मन से करेंगे| पौधों का ख्या रखने के लिए किसानों की मदद की जाएगी|

पौधा लग जाने के बाद मनरेगा के तहत किसानों को सरकार की तरफ से खाद, कीटनाशक और पौधों की सुरक्षा के लिए साधन मुहैया कराया जाएगा| जब यह पौधे तैयार हो जाएंगे तब इससे किसानों को आर्थिक लाभ होगा| गौरतलब है कि पलामू प्रमंडल के जिलों में कम बारिश होती है इसके कारण किसान पारंपरिक खेती नहीं कर पाते हैं लेकिन अब बागवानी के जरिए वो किसान खुशहाल होंगे|

उल्लेखनीय है कि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची के तहत क्षेत्रिय कृषि अनुसंधान केंद्र चिंयाकी में पहले से ही संतरे की बागवानी की जा रही है|

वैज्ञानिकों का मानना है कि पलामू का मौसम संतरे, कीनू और मौसमी फल के उपयुक्त है. इसी अनुसंधान के आधार पर पलामू के आयुक्त ने जिले में बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत जिले में रसदार पौधे जैसे संतरा, कीनू और मौसमी की बागवानी के लिए अनुशंसा की थी| ग्रामीण विकास विभाग विभाग से भी योजन के लिए स्वीकृति मांगी गयी थी|

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