सूबे में गन्ना पेराई शुरू होने के बाद गन्ना मूल्य में वृद्धि न होने और बकाया गन्ना मूल्य भुगतान की पुरज़ोर मांग कर रहे हैं। गन्ना उत्पादक नाराज हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में किसानों की नाराज़गी सड़कों पर प्रदर्शन करके नजर आने लगी है।
मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, बागपत, हापुड़, सहारनपुर, शामली, देवबंद के किसान अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम संबोधित मांग पत्र अपने जिले में अधिकारियों को सौंप रहे हैं। इसी क्रम में किसानों ने जनवरी में आहूत ट्रैक्टर रैली की तैयारियां शुरू कर दी है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरपुर जिले में गन्ना मूल्य बढ़ाने को लेकर राज्य सरकार की उदासीनता पर निराशा व्यक्त करते हुए भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के कार्यकर्ताओं ने गन्ने के ढेर में आग लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर पिछले 15 दिनों से धरने पर बैठे हुए है। आंदोलनकारियों ने कहा, हम यहां 14 दिनों से धरने पर बैठे हैं और सरकार सुध नहीं ले रही है।
संगठन के सहारनपुर क्षेत्र के अध्यक्ष नीरज पहलवान ने कहा, मुख्यमंत्री दरें बढ़ाने का वादा करते रहते हैं, लेकिन यह कब पूरा होगा? हम तब तक हड़ताल जारी रखेंगे जब तक कि गन्ने की नई दर 450 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित नहीं हो जाती।
किसान संगठन के राष्ट्रीय सचिव चौधरी उधम सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा, जब किसानों की बात आएगी तो बीकेयू (ए) पीछे नहीं हटेगा।एकजुटता दिखाने के लिए सैकड़ों बीकेयू (ए) कार्यकर्ताओं और किसानों ने गन्ने की कीमतों में बढ़ोतरी की मांग करते हुए पैदल मार्च निकाला। गन्ना मूल्य की लंबे समय से घोषणा न किए जाने के विरोध में उन्होंने सोमवार और मंगलवार को कलक्ट्रेट पर धरना दिया। प्रदर्शनकारियों ने तिरंगे लेकर शहर की विभिन्न सड़कों पर मार्च किया और अपने मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया।
किसानों का आंदोलन 2 जनवरी को शुरू हुआ, जब भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक ) ने अधिकारियों से गन्ने की कीमतें बढ़ाने की मांग करते हुए जिला कलेक्टरेट पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया। इस बीच, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (प्रवर्तन) नरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा, किसानों की जो मांगें स्थानीय स्तर पर हल की जा सकती थीं, उन्हें सुलझा लिया गया है।हालांकि, गन्ने की कीमतें बढ़ाने की मांग का समाधान स्थानीय प्रशासन स्तर पर नहीं, बल्कि सरकार द्वारा किया जा सकता है। हमने उनका मांग पत्र सरकार को भेज दिया है।