सूबे की सरकार द्वारा गांवों को आर्थिक केंद्र बनाने पर ध्यान केंद्रित करने से ग्रामीण इलाकों में त्योहार का माहौल लौट आया है। नए बुनियादी ढांचे और सुविधा केंद्रों के साथ, केवल साढ़े चार साल की अवधि में गांवों को पूरी तरह से बदल दिया गया है।
मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी का हर गांव के कोने में प्रत्येक सुविधा केंद्र स्थापित करके प्रशासन के विकेंद्रीकरण पर ध्यान केंद्रित करने से उन्हें अर्थव्यवस्था में ऊर्जा लाने में मदद मिली है।
राज्य सरकार ने किसानों को उनके गांव में ही बीज से लेकर फसल बिक्री तक की सुविधा प्रदान करने के लिए वन-स्टॉप सेंटर के रूप में 10,778 रायथु भरोसा केंद्र (आरबीके) स्थापित किए। आरबीके की अवधारणा ने नीति आयोग से लेकर आरबीआई, नाबार्ड, केंद्र और कई राज्यों तक प्रशंसा हासिल की है। राज्य का दौरा करने वाले विभिन्न राज्यों के कई प्रतिनिधिमंडल आरबीके की उपयोगिता देखकर आश्चर्यचकित रह गए।
राज्य सरकार के सलाहकार सज्जला रामकृष्ण रेड्डी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने ग्राम स्वराज के सपने को पूरा करने के लिए एक क्रांतिकारी निर्णय लिया, 15,004 ग्राम/वार्ड सचिवालयों के माध्यम से 540 से अधिक सरकारी सेवाएं घर-द्वार पर उपलब्ध कराईं। हमने सचिवालयों में 1,35,819 स्थायी नौकरियां और 2.6 लाख स्वयंसेवक प्रदान किए हैं, जिनमें ज्यादातर स्थानीय युवा हैं। यह आजादी के बाद से गांवों में देखा गया सबसे बड़ा परिवर्तन है।
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को बड़ा बढ़ावा देते हुए सरकार ने लगभग 10,132 ग्रामीण स्वास्थ्य क्लीनिक शुरू किए, जिनमें से प्रत्येक लगभग 2,500 लोगों की जरूरतों को पूरा करता है। सज्जला ने कहा कि मुफ़्त चिकित्सा सेवाएं, 14 प्रकार की जांचें और 105 प्रकार की दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। फैमिली डॉक्टर अवधारणा एक बड़ा बदलाव है जिसे हमने गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं को लोगों के दरवाजे तक ले जाने के लिए जोड़ा है।
शिक्षा मंत्री बोत्चा सत्यनारायण ने कहा कि हम तीन चरणों में राज्य में बुनियादी ढांचे में सुधार और 56,703 शैक्षणिक संस्थानों के आधुनिकीकरण के लिए 17,805 करोड़ का निवेश कर रहे हैं। 8वीं कक्षा के छात्रों के लिए मुफ्त टैब, द्विभाषी पाठ्यपुस्तकें, जगनन्ना गूरुमुद्दा के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण मध्याह्न भोजन, सभी बच्चों को नाद जगनन्ना विद्या कनुका किट ने पब्लिक स्कूलों को गरीबी से लडऩे का एक नया उपकरण बना दिया है।