राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के साथ ही योजनाओं के नाम बदलने का काम भी शुरू हो गया है। इंदिरा रसोई का नाम अब ‘श्री अन्नपूर्णा’ रसोई होगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भाजपा कार्यालय में आयोजित बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने योजना का नाम बदलने की घोषणा की।
मिली जानकारी अनुसार अभी तक प्रति थाली में भोजन की मात्रा 450 ग्राम दिया जा रहा है, अब इसे बढ़ाकर 600 ग्राम किया जाएगा। इसमें मोटा अनाज भी शामिल किया जाएगा। प्रदेश के शहरों में 1000 इंदिरा रसोई संचालित हैं, जहां 8 रुपए में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इनके अलावा ग्रामीण इलाकों में भी रसोई चल रही है।
कांग्रेस की अगुवाई वाली गहलोत- सरकार से पहले वसुंधरा सरकार में अन्नपूर्णा रसोई संचालित होती थी, लेकिन पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 20 अगस्त, 2020 को इंदिरा रसोई शुरू की। 40 माह बाद अब भाजपा सरकार ने श्रीअन्नपूर्णा रसोई के नाम से गरीबों को सस्ता भोजन खिलाएगी। सूत्रों के मुताबिक इसका स्वरूप भी बदला जा सकता है।
गहलोत सरकार ने स्कूल व कॉलेज शिक्षा छात्रवृत्ति योजनाएं राजीव और इंदिरा गांधी के नाम पर की। वसुंधरा सरकार में ये योजनाएं पं. दीनदयाल उपाध्याय व अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर संचालित थी। इन्हें बदलने की चर्चा है।
सूबे में भाजपा ने पिछली बार राजीव गांधी सेवा केंद्रों का नाम बदलकर अटल सेवा केंद्र किया था। कांग्रेस ने सत्ता में आते ही नाम बदल राजीव गांधी सेवा केंद्र कर दिया। अब भाजपा सरकार इन सेवा केंद्रों का नाम बदलने की फिर से तैयारी कर रही है।
वसुंधरा सरकार ने महिलाओं के लिए भामाशाह कार्ड बनवाए। इन कार्ड पर तत्कालीन मुख्यमंत्री की फोटो लगाने से कांग्रेस ने काफी हंगामा किया। कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद इन कार्ड का नाम बदलकर जनआधार कार्ड कर दिया।