रोजगार गारंटी योजना मनरेगा की मोटी रकम दूसरी योजना यानी पीएम आवास योजना में खर्च करने में होगी। मनरेगा योजना के कुल बजट का छठा हिस्सा यानी 10 हजार करोड़ रुपये पीएम आवास योजना में मजदूरी लागत के रूप में खर्च किए जाने की बात कही जा रही है। सरकारी योजनाओं के फंड डायवर्जन का यह अनोखा मामला बताया जा रहा है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को बताया है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना(मनरेगा) के तहत बढ़ी हुई मजदूरी लागत आंशिक रूप से प्रधानमंत्री आवास योजना रूरल की मजदूरी लागत में खर्च होगी। ‘इकनॉमिक टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार पीएम आवास योजना ग्रामीण के तहत घरों के निर्माण में लगभग 10,000 करोड़ रुपये की मजदूरी लागत खर्च होने का अनुमान है, जो मनरेगा योजना के पैसे से भुगतान की किए जाने की संभावना है।
मनरेगा योजना को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 60,000 करोड़ रुपये का बजट मिला है, इसका छठा हिस्सा यानी 10 हजार करोड़ पीएम आवास योजना की मजदूरी लागत में खर्च होने का अनुमान है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि पीएम आवास योजना ग्रामीण क्षेत्रों में घर निर्माण जैसे कार्यों को कवर करती है। सरकार आवास योजना के तहत लाभार्थियों को दी गई यूनिट लागत के अलावा निर्माण के लिए 90-95 दिनों की मजदूरी सहायता की अनुमति मनरेगा खर्च से देती है।