सूबे में खेती से संबंधित विभिन्न योजनाओं के लिए ₹5713.02 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति दे दी गई है। अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ देवेश चतुर्वेदी के अनुसार बंजर और बीहड़ भूमि के उपचार के लिए चल रही पं दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना, मृदा स्वास्थ्य सुदृढ़िकरण सहित प्रदेश के दो कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए धनराशि स्वीकृत की गई है।
सूबे में पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना के अंतर्गत ₹4519.00 लाख, मृदा स्वास्थ्य सुदृढ़ीकरण के लिए रुपए ₹671.96 लाख, चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर में सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए ₹50 लाख, बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए ₹22.06 लाख और बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में टाइप-5 के आवासों के निर्माण के लिए ₹450.00 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
प्रदेश के किसानों को शासन की योजनाओं का लाभ शीघ्र तथा निर्बाध रूप से मिले इसे लेकर मुख्यमंत्री की ओर से लगातार मॉनीटरिंग की जाती है। कृषि यंत्रों के वितरण, दलहन-तिलहन के मिनीकिट वितरण तथा उर्वरक उपलब्धता को लेकर भी मुख्यमंत्री की ओर से अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिये जाते हैं।
एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के कृषि मंत्री की ओर किसानों के लिए जारी शासन की योजनाओं की समीक्षा की गई है। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जहां भी दलहन-तिलहन के मिनीकिट का वितरण अभी तक नहीं हुआ है, वहां शीघ्र ही वितरण पूरा किया जाए। साथ ही कृषि यंत्रों के लिए जल्द से जल्द विज्ञापन जारी करते हुए जरूरतमंद किसानों को इसका लाभ प्रदान किया जाए।
एक सरकारी बयान के अनुसार बीहड़, बंजर और जल भराव क्षेत्रों में सुधार एवं उसे उर्वर बनाने हेतु पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना का (2022-23 से 2026-27 तक) विस्तार करने का निर्णय लिया गया है।
इस योजना में पांच वर्षों में कुल 602.68 करोड़ रुपये (501.59 करोड़ रुपये राज्य सेक्टर से 51.25 करोड़ रुपये मनरेगा से एवं 49.84 करोड़ रुपये कृषक अंश) के व्यय सम्भावित हैं। योजनान्तर्गत 2,19,250 लाख हेक्टेयर समस्याग्रस्त बीहड़/बंजर भूमि सुधार तथा जलभराव क्षेत्र को उर्वर बनाया जाएगा।