इस साल खरीफ सीजन में झारखण्ड की हेमंत सोरेन सरकार ने 18 लाख हेक्टेयर में धान की खेती करने का लक्ष्य रखा था । उम्मीद की गई थी की भरपूर बारिश होने से फसल अच्छी होगी। मौसम चक्र बदला और फिर किसान बारिश को तरह गये।अभी तक मात्र 0.94 लाख हेक्टेयर (5.24 फीसदी) में धान की बुवाई हुई है। जबकि पिछले साल इस अवधि तक 1.68 लाख हेक्टेयर (9.34 प्रतिशत) धान की बुवाई हुई थी।
झारखंड में आमतौर पर जून के दूसरे सप्ताह में झारखण्ड में मानसून आता रहा है। पहली भरपूर बरसात के साथ ही किसान धान की रोराई शुरु कर देते थे। जुलाई महीने के अन्त तक सूबे के किसान धान की रोपाई कर देते थे। इस बार हालात यह है कि कई किसानों का बिचड़ा भी तैयार नहीं हुआ ह। किसानों में बेचैनी है। समय पर बरसात न होने की वजह से धान समेत अन्य खरीफ फसलों की बुवाई में कमी आई है।
झारखण्ड में कम बारिश का सबसे बुरा असर धान की बुवाई पर पड़ा है। बारिश नहीं होने के कारण सूबे के किसान अभी भी धान की रोपाई के लक्ष्य से काफी पीछे हैं। राज्य में 18 लाख हेक्टेयर में धान की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है ।अभी तक मात्र 0.94 लाख हेक्टेयर (5.24 फीसदी) में धान की बुवाई हुई है। पिछले साल इस अवधि तक 1.68 लाख हेक्टेयर (9.34 प्रतिशत) धान की बुवाई हुई थी। सूबे में मक्का की फसल की बात करें तो इस साल 3.12 लाख हेक्टेयर में मकई की खेती का लक्ष्य रखा गया है। पर अभी तक 0.97 लाख हेक्टेयर (31.06 प्रतिशत) में मकई की बुवाई हुई है। पर पिछले साल इस अवधि तक 1.44 लाख हेक्टेयर (46.21 प्रतिशत) क्षेत्र में मक्का की बुवाई हुई थी।
झारखण्ड में दलहनी और मोटे अनाज की बात करें तो इस साल इनकी बुवाई में भी किसान पिछड़ गये है। इस साल धान की बुवाई का लक्ष्य 6.12 लाख हेक्टेयर रखा गया था. पर अभी तक 0.87 लाख हेक्टेयर (14.28 फीसदी) में दलहनी फसलों की खेती हुई है। पिछले वर्ष इस अवधि तक 1.47 लाख हेक्टेयर (24.14 प्रतिशत) क्षेत्र में दलहनी फसलों की बुवाई हुई है, इसी तरह मोटे अनाज की बुवाई इस साल 0.42 लाख हेक्टेयर लक्ष्य के मुकाबले में 0.77 लाख हेक्टेयर (18.35 प्रतिशत) में हुई है। पिछले साल इस अवधि तक 0.49 लाख हेक्टेयर (11.83 प्रतिशत) क्षेत्र में मोटे अनाज की बुवाई हुई थी।इस साल खरीफ सीजन में सूबे को इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मुश्किलें आ रही है।
सूबे में मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक राज्य के चार जिले चतरा, गिरिडीह, धनबाद और जामताड़ा में 60 फीसदी से भी कम बारिश दर्ज की गई है। जबकि 17 जिले ऐसे हैं जहां पर सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है। केवल तीन जिले गोड्डा, साहेबगंज और सिमडेगा में सामान्य बारिश दर्ज की गई है। 23 जुलाई को एक बार फिर राज्य के सभी जिलों में बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं 25 से 27 जुलाई तक आठ जिलों में बारिश नहीं होने की संभावना है।
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