कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में किसानों ने इस साल अब तक 733.42 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलें बोई हैं, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में 724.99 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी। सालाना आधार पर बुआई 1.16 फीसदी ज्यादा है।
गन्ना किसानों ने अब तक 56.00 लाख हेक्टेयर में फसल बोई है, जबकि पिछले साल 53.34 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी।जिंस के हिसाब से चावल की बुआई 180.20 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 175.47 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी।
इस बार अरहर, उड़द, मूंग और कुल्थी समेत अन्य दालों की बुआई साल-दर-साल कम है ।कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि, इस खरीफ में अब तक कुल दालों की बुआई 85.85 लाख हेक्टेयर है, जबकि पिछले साल 95.22 लाख हेक्टेयर थी। इसके अलावा, तिलहनों की बुआई, जिसमें मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल और अन्य शामिल है, 155.29 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 160.41 लाख हेक्टेयर अधिक थी।
गन्ना सर्वे रिपोर्ट में खामियां मिल रही है।मिल अधिकारियों के अनुसार, रिपोर्ट पर आई आपत्तियों को दुरुस्त करके फाइनल सर्वे रिपोर्ट का प्रदर्शन कर दिया जाएगा। पेराई सत्र 2023-24 के लिए 15 जून को गन्ना सर्वे पूरा हो चुका है। बीती 20 जुलाई से ग्रामवार सर्वे शुरू कर दिया है। सर्वे रिपोर्ट में कुछ कमी मिल रही है, जिसकी शिकायत किसान अधिकारियों से करेंगे। मेरठ के जिला गन्ना अधिकारी डॉ. दुष्यंत कुमार ने कहा कि, ग्रामवार गन्ना सर्वे इसलिए ही किया जाता है ताकि अगर कमियां हो तो उसे दुरुस्त किया जा सके।
गौरतलब है कि किसानों को सर्वे के वक़्त गन्ना रकबा, पेड़ी और पौधा के साथ ही प्रजाति आदि की जानकारी का सत्यापन कराया जा रहा है।
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