सभी राज्य सरकारें भी अपने- अपने बजट में किसानों के ऊपर विशेष फोकस कर रही हैं| इसी क्रम में केरल सरकार ने बजट 2023-24 में कृषि सेक्टर के लिए 971.71 करोड़ रुपये निर्धारित किया है| साथ ही नारियल के समर्थन मूल्य को 32 रुपये से बढ़ाकर 34 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया गया है|
वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने कहा कि इस क्षेत्र के कुल खर्च में से केंद्रीय सहायता 156.30 करोड़ रुपये है| जबकि 732.46 करोड़ रुपये फसल की देखभाल के लिए अलग रखे गए हैं| उन्होंने कहा कि विशेष रूप से चावल के विकास के लिए खर्च को चालू वर्ष के 76 करोड़ रुपये के प्रावधान से बढ़ाकर 95.10 करोड़ रुपये कर दिया गया है|
सूबे के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने कहा कि प्रमुख आवंटन में व्यापक सब्जी खेती कार्यक्रम के लिए 93.45 करोड़ रुपये, नारियल विकास योजनाओं के लिए 68.95 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे| साथ ही नारियल के बीज खरीद और कृषि विभाग के खेतों के माध्यम से नारियल के बीजों के उत्पादन और वितरण के लिए 25 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं| विभाग आधुनिक तकनीक आधारित कृषि पद्धतियों के साथ-साथ जैविक खेती के माध्यम से ‘खाने के लिए सुरक्षित’ खाद्य उत्पादन को प्रोत्साहित करेगा|
बजट में मिट्टी और जल संरक्षण के लिए 89.75 करोड़ रुपये और मसाले की खेती के लिए 4.60 करोड़ रुपये अलग से रखे गए हैं|फलों की खेती के लिए, बजट में देशी और विदेशी फलों के उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने पर जोर देने के साथ 18.92 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं| सब्जी और फल संवर्धन परिषद, केरलम (VFPCK) के लिए आवंटन 25 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 30 करोड़ रुपये कर दिया गया है|
सरकार कृषि उपज के विपणन, भंडारण और भंडारण पर 74.50 करोड़ रुपये, कृषि मशीनीकरण का समर्थन करने के लिए 19.81 करोड़ रुपये और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के माध्यम से छोटे-मध्यम प्रसंस्करण उद्यमों के लिए मशीनरी खरीदने पर 3.75 करोड़ रुपये खर्च करेगी| वर्ष 2023-24 में, कृषि विभाग आबादी वाले क्षेत्रों में जंगली जानवरों के अतिक्रमण को रोकने के उपायों पर 2 करोड़ रुपये खर्च करने का भी इरादा रखता है|