जीआई टैग मिलने के बाद बिहार में पैदा ज़र्दालु आम अब दुनिया में अपनी पहचान बना रहा है। अपने गठन, मिठास और हर जलवायु में बने रहने की खासियत के कारण ज़र्दालु आम इस दुबई में भी दस्तक दे चुका है।
ज़र्दालु आम को साल 2017 में जीआई टैग मिला था। पहले अलग- अलग एजेंसी के जरिए भागलपुर से जर्दालु आम विदेश भेजे जाते थे। इस साल पहली बार किसानों का संगठन बनाकर जर्दालु आम को विदेश भेजने में कामयाबी हासिल की है।
खाड़ी देशों में पहली खेप दुबई को भेजी गई है। ‘जर्दालु और कतरनी एग्रो फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी’ के जरिए निर्यात किया गया है। बीती 6 जून को पहला मौका था जब जर्दालु को सीधे भागलपुर से निर्यात किया गया। पहली बार दो टन ज़र्दालु आम दुबई भेजे गये हैं।
भागलपुर संभाग के आम उत्पादकों का कहना है कि पहली खेप के साथ ही विदेश के बाजार हमारे लिए खुल गए हैं। अब हम सीधे मांग के अनुसार आम की सप्लाई कर सकते हैं। बिहार में अभी जर्दालु आम की कीमत 40 से 60 रुपये किलो है। जबकि यही आम दुबई पहुंच कर कई गुना अधिक महंगा हो जाता है। इस बेहतरीन किस्म के आम को विदेश भेजते वक्त केंद्रीय और एपीडा जैसी सरकार की कई एजेंसियों ने एक साथ काम किया है।
बिहार के इन आमों को यूपी के लखनऊ में एपिडा के पैकहाउस में पैक कर विदेशों में भेजा जाता है। जर्दालू आम अनूठी सुगंध और स्वाद के लिए जाना जाता है। इस आम को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी सहित देश में स्थित सभी देशों के उच्चायुक्त को भी भेजा जाता है।
PHOTO CREDIT -https://pixabay.com/