उत्तर प्रदेश में पेराई सत्र में तेजी आ रही है और राज्य के कई चीनी मिलों ने पेराई शुरू कर दी है। इस सीजन राज्य में Co. 0118 एवं Co. 15023 गन्ना किस्म के प्रति किसानों में रूझान बढ़ता दिख रहा है।
गन्ना विभाग के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में अधिक उपज व चीनी परता देने वाली किस्मों के क्षेत्रफल में वृद्धि हुई है। प्रदेश में वर्ष 2023-24 में गन्ना किस्म Co. 0118 के क्षेत्रफल में वर्ष 2022-23 की तुलना में 1.76 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। जबकि राज्य में वर्ष 2023-24 में गन्ना किस्म Co. 15023 के क्षेत्रफल में वर्ष 2022-23 की तुलना में 0.72 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है।
आपको बता दे, इस सीजन में चीनी उत्पादन अच्छा रहने की उम्मीद है जबकि देश के अन्य प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य कर्णाटक और महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन कम होने का अनुमान है।
वर्त्तमान सीजन के आगमन के साथ ही गन्ना विभाग सुनिश्चित कर रहा है की इस बार गन्ना भुगतान सुचारु रूप से हो और किसानों को समय से भुगतान हो। आपको बता दे, मुखयमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े रुख के चलते चीनी मिलों ने पिछले पेराई सत्र के भुगतान में तेजी लाई है। राज्य सरकार ने नया पेराई सत्र पूरी तरह शुरू होने से पहले पिछले सीजन के शत प्रतिशत भुगतान पर जोर दिया है।
गौरतलब है कि वर्ष 2022-2023 सीजन में उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों की कुल गन्ने की पेराई 1,084.57 लाख टन थी, जबकि महाराष्ट्र में यह 1,053 लाख टन थी। विदित है कि उत्तर प्रदेश में कुल 157 चीनी मिलें हैं, जिनमें 118 परिचालन में हैं जबकि महाराष्ट्र में 246 मिलों में 210 परिचालन में हैं।
चालू सीजन में उत्तर प्रदेश में 53 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती हुई, जो देश में किसी भी राज्य से ज्यादा है। महाराष्ट्र में इसका आधा यानी 14.87 लाख हेक्टेयर में ही खेती हुई थी।