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Hands harvesting fresh organic potatoes from soil

राजस्थान : रेतीले बाडमेर का आलू जायेगा 160 देशों में

राजस्थान में बाड़मेर जिले के छोटे से गांव तारातरा के युवा किसान विक्रम सिंह तारातरा और उनकी जेट्टा फार्म्स (योट्टा एग्रो वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड) इन दिनों चर्चा में है। हो भी क्यों न, इनके 25 एकड़ खेत में इन दिनों जो हो रहा है। वह विश्व पटल पर रेतीले बाड़मेर और इनके गांव को नई पहचान देने जा रहा है।

जीरे और अनार की खेती में खास स्थान रखने वाले बाड़मेर जिले में आलू की व्यवसायिक खेती का यह प्रथम प्रयोग है। उम्मीद से लबरेज किसान विक्रम सिंह कहते हैं कि उन्हें पूरा भरोसा है कि यह पहल तकनीक आधारित खेती की दिशा में जिले के किसानों के लिए नए द्वार खोलेगी।

विक्रम सिंह के खेत में दुनिया की सबसे बड़ी फूड कंपनियों में शुमार मैककेन फूड्स कनाडा के लिए आलू उगाए जा रहे हैं। भारत में मैककेन राजस्थान में किसी भी जगह से आलू नहीं ले रही है, सिवाय जेट्टा फार्म्स के। इस किसान की पूरी फसल कंपनी इनके खेत से खरीदने के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर चुकी है।

तकनीक आधारित खेती में रूचि रखने वाले विक्रम सिंह दो साल से कृषि में नवाचार की तैयारी कर रहे थे। नई राह तलाशने के दौरान उनका संपर्क जेट्टा फॉर्म्स कंपनी के कृषि विशेषज्ञों से हुआ। जेट्टा फॉर्म्स देश भर में संविदा खेती करती है।

जेट्टा के विशेषज्ञों ने करीब एक साल पहले तारातरा मठ स्थित विक्रम सिंह के खेत का दौरा कर मिट्टी-पानी इत्यादि आवश्यक तत्वों का अध्ययन किया। अंतत: जेट्टा फॉर्म्स के माध्यम से बहुराष्ट्रीय कंपनी मकेन ने यहां पर आलू की संविदा खेती का अनुबंध कर लिया।

मकेन ने बीज रूपी तीन संवर्ग के 32,500 किलो आलू किसान के फर्म पर बुवाई के लिए भिजवा दिए हैं। बीज रूपी इन आलू से वेजिटेटिव प्रपोगेशन (कायिक प्रजनन) विधि से आलू की बुवाई का काम शुरू कर दिया है, जो एक सप्ताह में पूरा हो जाएगा। इसके बाद 90 से 100 दिन के भीतर दस गुना आलू की फसल तैयार होने की उम्मीद है।

आलू की बुवाई के लिए तारातरा मठ गांव की करीब 50 महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है। बीज रूपी आलू आने के बाद महिलाएं बुवाई के लिए आलू को तैयार करने में जुटी हुई हैं। किसान विक्रम सिंह का कहना है कि गांव की महिलाओं को अपने ही गांव में रोजगार मिल रहा है।

अनुबंध के तहत फसल उत्पादन के बाद गुणवत्ता की जांच होगी। गुणवत्ता के आधार पर वर्गीकरण के बाद आलू की पैकिंग होगी। विश्व के 160 देशों में आलू की फ्रेंच फ्राइज का कारोबार करने वाली मकेन कंपनी पूरी फसल खेत से ही क्रय कर लेगी।

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