देश के गन्ना उत्पादक राज्यों में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र प्रमुख हैं| देश में गन्ने की कुल पैदावार का 70 फीसदी इन सूबो में चीनी व गुड़ उत्पादन में खपता है| इन दोनों ही राज्यों में चीनी मिलों में पेराई का सीजन ख़त्म कर दिया गया है| अगले सीजन के लिए मिलें गन्ना की खरीद की तैयारी मे जुट गई हैं|
महाराष्ट्र में गन्ना पेराई सत्र जल्द समाप्त होने वाला है। और इस सीजन राज्य में रिकॉर्ड चीनी उत्पादन हुआ है। चीनी आयुक्त कार्यालय के मुताबिक, 02 मई 2022 तक महाराष्ट्र में 136.99 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ है और 10.40 प्रतिशत चीनी रिकवरी दर्ज की गई है। फिलहाल राज्य में 200 में से 174 चीनी मिलों ने पेराई सत्र समाप्त कर दिया है।
उत्तर प्रदेश में इस सीजन में बिजनौर ने फिर एक बार पेराई में रिकार्ड बना दिया है। जिले में गन्ने का रकबा हर साल बढ़ता ही जा रहा है, नतीजन हर साल गन्ना उत्पादन का रिकॉर्ड बन रहा है। जिले ने गन्ना उत्पादन में लगातार तीसरे साल अपने ही रिकार्ड को तोड़ दिया है|
चीनी मिलों ने अब तक साढ़े 11 करोड़ से अधिक गन्ने की पेराई की हैं, और दो चीनी मिलें अब भी गन्ना पेराई कर रही हैं। 2019-20 के पेराई सत्र में पहली बार जिले में 11.42 करोड़ क्विंटल और पिछले साल 11.46 करोड़ क्विंटल गन्ने की पेराई हुई थी। इस साल 31 मई तक 11.52 करोड़ क्विंटल गन्ना पेराई हुई थी। स्योहारा चीनी मिल और धामपुर चीनी मिल खेतों मे बचे हुए गन्ने की पेराई कर रही है, और यह पेराई दोतीन दिनों तक चलेगी।
धामपुर चीनी मिल इस सीजन में एक बार फिर पेराई का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। मिल का गन्ना पेराई सत्र को खत्म हो गया। चीनी मिल ने अपने ही पिछले साल के रिकॉर्ड को तोड़ एक बार फिर से पेराई में देश में नया मुकाम हासिल किया है।
मिली जानकारी के अनुसार मिल ने पिछले सत्र में 212 दिन में 239 लाख क्विंटल की पेराई कर देश में पहला स्थान पाया था। जबकि इस सीजन में 215 दिन के पेराई सत्र में 244 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की गई है। धामपुर चीनी मिल के यूनिट हेड एमआर खान, गन्ना जीएम ओमवीर सिंह ने कहा कि, मिल के इस सफलता में अधिकारी, कर्मचारीगण और किसानों ने बड़ी भूमिका निभाई है। मिल द्वारा 17 मई तक के गन्ना मूल्य का किसानों को भुगतान किया जा चुका है।