झारखंड सरकार ने भी दुधारू पशु की खरीद पर महिलाओं को 90 प्रतिशत की सब्सिडी देने का ऐलान किया है| इस सब्सिडी का लाभ निराश्रित और विकलांग महिलाएं, विधवाएं और निःसंतान दंपति ले सकते हैं| इसका योजना का मुख्य उद्देश्य ऐसे लोगों को आजीविका कमाने में मदद करना है| इसके अलावा हेमंत सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लाभार्थियों को भी सब्सिडी देने का ऐलान किया है जिसमें उन्हें 75 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी|
इस सब्सिडी योजना को लेकर झारखंड सरकार का कहना है कि कि बढ़ी हुई सब्सिडी की लागत वहन करने के बाद झारखंड पशुधन पर 90 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा| दरअसल, झारखंड सरकार की मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी, राष्ट्रीय पशुधन मिशन का एक हिस्सा है| इसमें पहले सभी श्रेणियों में 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती थी|
आपदाओं, आग या सड़क दुर्घटनाओं से प्रभावित परिवारों की महिलाओं और शारीरिक रूप से विकलांग लोगों को दो दुधारू पशु गाय और भैंस पर 90 प्रतिशत की सब्सिडी पर दी जाएगी| कृषि एवं पशुपालन विभाग ने बकरियों, सूअरों और ब्रायलर पोल्ट्री के पालन के लिए सब्सिडी अनुदान बढ़ाने की योजना में भी संशोधन किया है| विधवाओं, निःसंतान दंपतियों, निराश्रित और विकलांग महिलाओं को छोड़कर, अन्य सभी लाभार्थियों को 75 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी|
झारखंड राज्य सरकार द्वारा संचालित हस्तचालित चैफ कटर का वितरण योजना के तहत प्रगतिशील डेयरी किसानों को भी आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है| इस योजना के तहत एससी-एसटी पशु किसानों के साथ दुग्ध उत्पादक समितियों को 90% तक अनुदान दिया जाएगा| ये आर्थिक सहायता पहले सिर्फ 50 प्रतिशत ही थी| वहीं अन्य वर्ग के पशुपालक और किसानों को हस्तचालित चैफ कटर का वितरण योजना के तहत 75 फीसदी तक सब्सिडी की सुविधा दी जाएगी|
राज्य के पशु किसानों को कामधेनु डेयरी फार्मिंग की उपयोजना के तहत 5 दुधारू गाय/भैंस या 10 गाय/भैंस वितरण योजना के तहत मिनी डेयरी खोलने के लिए भी अनुदान की राशि बढ़ दी गई है| इस योजना के तहत पहले एससी-एसटी किसानों को 33.33 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती थी, जिसे अब 75 प्रतिशत किया गया है| वहीं अन्य वर्ग के पशु किसानों को मिनी डेयरी खोलने के लिये पहले 25 प्रतिशत अनुदान दिया जाता था, जो अब बढ़करा 50% कर दिया है|