राज्य के 11 जिलों के 7841 गांव सूखाग्रस्त घोषित कर दिया हैं। इन इलाकों में 30 प्रतिशत से अधिक की बारिश में कमी और 70 प्रतिशत के कम क्षेत्र में फसल लगी हैं। राज्य सरकार ने क्षेत्रवार आकलन कर यह निर्णय लिया है। आपदा प्रबंधन विभाग के इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई।
इन गांव के सभी परिवार को विशेष सहायता दी जाएगी। इसके लिए बिहार आकस्मिकता निधि से 500 करोड़ की अग्रिम स्वीकृति भी दे दी गई है। अब परिवारों के सर्वे का काम जल्द ही शुरू होगा। आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि इस वर्ष जुलाई में वर्षा में 60 प्रतिशत और अगस्त में 37 प्रतिशत कम हुई। इस दौरान बारिश अनियमित भी रही। एक जून से 31 अगस्त तक औरतन 39 प्रतिशत कम बारिश हुई।
बिहार सरकार ने जिन 11 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है, उनमें जहानाबाद, गया, औरंगाबाद, शेखपुरा, नवादा, मुंगेर, लखीसराय, भागलपुर, बांका, जमुई और नालंदा है। बिहार सरकार के अनुसार, कुल 96 प्रखंडों के 937 पंचायतों के 7841 राजस्व ग्राम सूखे से प्रभावित हैं।
सरकार ने सूखाग्रस्त जिलों में डीजल अनुदान, वैकल्पिक कृषि कार्य की व्यवस्था और अन्य कार्यों की व्यवस्था की स्वीकृति दी है। इसके अलावा प्रभावित प्रखंडों और पंचायत के परिवारों को विशेष सहायता के रूप में 3500 रुपये प्रति परिवार की दर से उनके बैंक खातों में देने का फैसला किया है।