मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने राज्य के 62 जिलों के भूगर्भ जल सुरक्षित ब्लाकों में 2100 राजकीय नलकूप लगाए जाने के निर्णय पर मुहर लगा दी है| इससे एक तरफ जहां कम वर्षा के कारण किसानों को सिंचाई में आने वाली समस्या से निजात मिलेगी| वहीं दूसरी तरफ इन नलकूपों के निर्माण से प्रदेश के श्रमिकों के लिए रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे|
इस समय प्रदेश में 87 प्रतिशत नेट क्रॉप एरिया का सिंचन किया जा रहा है| प्रदेश में कुल 143.37 लाख हेक्टेयर में से 107.30 लाख हेक्टेयर एरिया का सिंचन राजकीय नलकूपों एवं निजी नलकूपों के माध्यम से किया जा रहा है, जिसमें 74.90 प्रतिशत सिंचाई निजी एवं राजकीय नलकूपों के माध्यम से की जा रही है| वर्तमान में प्रदेश में कुल 34316 राजकीय नलकूपों द्वारा कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है|
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि इस परियोजना पर सरकार 841 करोड़ 98 लाख 83 हजार रुपये खर्च करेगी. इससे सामान्य, पिछड़ा, अनुसूचित जाति और जनजाति के अलावा प्रदेश के सीमांत और लघु किसानों को सिंचाई की सुविधा का लाभ मिलेगा| एक नलकूप 50 हेक्टेयर खेत की सिंचाई कर सकेगा| वहीं इस योजना से 1 लाख 5 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचित क्षमता में अतिरिक्त वृद्धि होगी| परियोजना के अंतर्गत किसी डार्क अथवा ग्रे ब्लाक में नलकूप नहीं स्थापित किए जाएंगे| यह परियोजना 2022-2023 में शुरू होगी और 2023-2024 तक पूरी होगी|
सरकार द्वारा शुरू की गई इस परियोजना से मनरेगा श्रमिकों के लिए रोजगार नये अवसर भी उपलब्ध होंगे| प्रदेश के अलग-अलग ब्लॉक एवं पंचायत स्तर पर परियोजना के माध्यम से 21 लाख मानव दिवस सृजित होंगे| परियोजना के अन्तर्गत निर्मित होने वाले प्रत्येक नलकूप पर रिमोट सेंसिंग (रजिस्टिविटी सर्वे एवं लॉगिंग आदि), ड्रिलिंग, डेवेलपमेन्ट, पम्प हाउस का निर्माण, डिलीवरी टैंक, हेडर एवं जल वितरण प्रणाली के अन्तर्गत 1.2 किमी भूमिगत पीवीसी पाइप लाइन के बिछाने और 10 आउटलेट का निर्माण कराया जाएगा|