tag manger - “गन्ने की अगेती किस्मों के विकास की जरुरत” – KhalihanNews
Breaking News

“गन्ने की अगेती किस्मों के विकास की जरुरत”

करनाल के गन्ना प्रजनन संस्थान क्षेत्रीय केंद्र में भी “बीज स्वास्थ्य सुधार स्वस्थ फसल, अधिक परता एवं लाभकारी गन्ना खेती की सफल कुंजी’- विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं विचार मंथन कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें गन्ना उत्पादन बढाने के तौरतरीकों पर चर्चा की गई। मुख्य विषय पर विस्तार से चर्चा करते हुए जानकारों ने कहा कि वैज्ञानिक ईख की बदलते मौसम और कीटरोधी किस्मों को विकसित करने की दिशा में प्रयास करें।

आयोजन में हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड एवं बिहार राज्य की 30 चीनी मिलों के अधिकारियों एवं प्रगतिशील गन्ना किसानों ने भाग लिया। केंद्र के अध्यक्ष, डॉ. एमएल छाबडा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. बक्शी राम (पद्मश्री), पूर्व निदेशक, गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयम्बटूर एवं डॉ. जी हेमाप्रभा, निदेशक, गन्ना प्रजनन संस्थान (कोयम्बटूर) का स्वागत किया। डाॅ.जी हेमाप्रभा ने कहा कि, देश के कुल गन्ना क्षेत्रफल के 75.8 प्रतिशत क्षेत्र में संस्थान द्वारा विकसित गन्ना प्रजातियों एवं 22 प्रतिशत क्षेत्र में राज्यों के कृषि विश्वविद्यालयों और गन्ना अनुसंधान से जुड़े अन्य संस्थानों द्वारा गन्ना प्रजनन संस्थान के सहयोग से विकसित प्रजातियों की खेती होती है। अत देश में गन्ना खेती क्षेत्र के 97.8 प्रतिशत भू-भाग में गन्ने की खेती में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संस्थान द्वारा विकसित प्रजातियों का योगदान है।
गन्ना प्रजनन संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र, करनाल की उपलब्धियों की सराहना करते हुए उन्होंने वैज्ञानिकों को गन्ने की अगेती किस्मों के विकास पर कार्य करने पर जोर दिया। नई किस्मों के कारण किसानों, चीनी मिलों और अन्ततः देश को इसका लाभ पहुंचेगा।डॉ. बक्शी राम ने कहा कि, भारत चीनी उत्पादन में आत्मनिर्भर हुआ है, और वैश्विक स्तर पर पहले पायदान पर खड़ा है।

उन्होंने इस अवसर पर गन्ने का बीज उपचार, शुद्ध बीज उत्पादन एवं टिशु कल्चर तकनीक द्वारा उत्पादित गन्ने की पौध का अधिक से अधिक उत्पादन करके गन्ने का उत्पादन बढ़ाने के बारे में जानकारी दी।कार्यक्रम में शामिल प्रगतिशील किसानों ने गन्ने की खेती से जुड़े सवाल भी विषय विशेषज्ञों के सामने रखे। किसान रोग रहित गन्ना के पक्ष में बोले। किसानों ने गन्ने की पैदावार के मुकाबले ईख की खेती पर लगातार बढ़ती लागत को भी चिंता का विषय बताया।

About

Check Also

marrygold हिसार ब्यूटी' किस्म , 40 दिन में ही निकलने लगते हैं गेंदें के फूल

हिसार ब्यूटी’ किस्म , 40 दिन में ही निकलने लगते हैं गेंदें के फूल

गेंदा की हिसार जाफरी तथा हिसार ब्यूटी किस्में काफी अच्छी पैदावार देती हैं। हिसार ब्यूटी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *