उत्तर प्रदेश में फल और सब्जियों की उन्नत खेती के लिये उत्कृष्टता केन्द्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) स्थापित किये गये हैं, जो किसानों को ट्रेनिंग और सर्विस की सुविधा देंगे|
बीज से पौधा तैयार करते समय ही नर्सरी में कई कमियां रह जाती है, जिसके चलते किसान अपनी मेहनत के बराबर उत्पादन भी नहीं ले पाते| लेकिन अब इजराइल की तकनीक से उत्तर प्रदेश के किसानों को कम खर्च में सब्जी और फलों का बेहतर उत्पादन लेने में मदद मिलेगी. इसके लिये केंद्र सरकार की योजना के तहत उत्तर प्रदेश में फल और सब्जियों की आधुनिक खेती के लिये दो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया गये हैं, जिसमें फलों का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बस्ती में और सब्जियों का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस चंदौली, मिर्जापुर, कन्नौज में बनाया जा चुका है|
बस्ती और कन्नौज के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में किसानों को उन्नत बीजों से पौधे तैयार करके दिये जायेंगे| किसान चाहें तो खुद से बीज खरीदकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में संपर्क कर सकते हैं, जहां किसानों के बीजों से भी पौधा तैयार करने की सुविधा दी जायेगी| इन सेंटर्स में किसानों को उन्नत खेती के गुर भी सिखायें जायेंगे, जिससे बेहतर ढंग से फल और सब्जियों की खेती की जा सके| सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में किसानों को बिना किसी शुल्क के ट्रेनिंग की सुविधा भी मिलेगी, जिसमें किसानों को फसलों में रोग नियंत्रण, कीट नाशकों के छिड़काव और खेती से संबंधी दूसरी जानकारियां भी दी जायेंगी|
बस्ती में फलों का सेंटर करीब 7.4 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है। कन्नौज में सब्जियों का सेंटर 7.6 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है। ये दोनों इस साल जुलाई से शुरू हो जाएंगे। इजरायल की तकनीक आधारित खेती का लाभ लेने के लिए यह योजना शुरू की गई है। इनमें केंद्र और राज्य सरकारें आर्थिक मदद कर रही हैं।
किसान बीज लाएंगे, सेंटर पौध तैयार करके देगा| यहां पर किसानों को मदद और प्रशिक्षण दोनों मिलेगा। किसान अपना बीज लेकर यहां संपर्क करेंगे। उससे सेंटर पर पौध तैयार कर किसानों को दी जाएंगी। यह सुविधा नि:शुल्क होगी। इसके अलावा फल और सब्जियों को रोग से बचाव, कीटनाशकों के छिड़काव और अन्य जरूरी सलाह भी किसानों को यहां मिलेगी|