पंजाब में सूबे का भू-जल कम न होने देने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है| धान की जगह मूंग की बंपर पैदावार करके किसानों ने सरकार की बात को माना है| सरकार ने नाफैड के ज़रिये MSP पर मूंग की खरीद शुरु की है| सरकार का दावा है कि मूंग की वजह से किसानों को फायदा पहुंचा है|
इस मकसद में सफलता पाने के लिए फसल विविधीकरण पर काम किया जा रहा है| राज्य सरकार अगले 5 साल में पंजाब में खरीफ सीजन के दौरान धान के रकबे को 10 लाख हेक्टेयर कम करने की दिशा में काम कर रही है|
कपास (नरमा) व दूसरी फसलों को कीड़ों से बचाने के लिए कीटनाशकों पर किसानों को ज्यादा ख़र्चा करना पड़ता था| इससे खेती की लागत बढ़ने से किसानों को फायदा नहीं होता था| पंजाब में बीते कई साल से फसल बचाने में ज़्यादा खर्च हो रहा है | उम्मीद की जा रही है कि मोटे अनाज व दलहन की बिजाई से किसानों को राहत मिलेगी|
पंजाब में रासायनिक उर्वरकों के विवेकपूर्ण उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए, किसानों को उनकी मिट्टी का परीक्षण करने के बाद करीब 24.30 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जा चुके हैं और उन्हें पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की सिफारिशों के अनुसार आवश्यकता-आधारित उर्वरकों को लागू करने का अनुरोध किया गया है।
खरीफ-2019 के दौरान नकली बीजों और वर्तमान खरीफ सीजन के दौरान कीटनाशकों के कुल उपयोग में 675 मीट्रिक टन (तकनीकी ग्रेड) की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे किसानों को 355 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है।