कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने नई दिल्ली में आहार खाद्य मेले में सभी आयु समूहों के लिए सस्ती कीमतों पर विभिन्न प्रकार के बाजरा उत्पाद सार्वजनिक किए हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, एपीडा द्वारा जारी किए गए सभी बाजरा उत्पाद ग्लूटेन-फ्री, 100% प्राकृतिक और पेटेंट हैं। ‘ आहार’ के 36वें संस्करण का आयोजन ‘एपीडा’और भारत व्यापार संवर्धन संगठन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकारण ने सस्ती कीमतों पर सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए उत्पाद लॉन्च किया है. इन उत्पादों की की कीमत पांच से 15 रुपए तक है|
इन उत्पादों की लॉन्चिंग एशिया के सबसे बड़े बीटूबी इंटरनेशनल फूड एक हॉस्पिटैलिटी फेयर आहार फूड फेयर में की गयी| इनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि सभी उत्पाद ग्लूटेन फ्री हैं और 100 फीसदी प्राकृतिक है, जिनका पेटेंट भी किया गया है| एडीडा द्वारा लॉन्च किए गए उत्पादों में क्रीम बिस्कुट के साथ साथ अन्य प्रकार की बिस्कुट के अलावा रागी मूंगफली का मक्खन, ज्वार मूंगफली का मक्खन, बाजरा माल्ट समेत अन्य खाद्य उत्पाद शामिल हैं|
एपीडा ने रेडी टू इट श्रेणी के तहत उपमा, पोंगल, खिचड़ी नूडल्स, बिरयानी जैसे उत्पादों की कैटेगरी में मिनट में बाजरा को भी लॉन्च किया है| जो खाद्य क्षेत्र में एक पहली सफलता है. इस तरह के रेडी टू ईट बाजरा दुनिया की पोषण जरूरतों को पूरा करने के लिए अब तैयार है|
सभी रेडी टू ईट उत्पादों में किसी प्रकार का प्रिजर्वेटिव या एडिटिव्स और फिलर्स का इस्तेमाल किए बिना वैक्यूम प्रोसेस किया जाता है| इसकी गुणवत्ता एक निश्चित तापमान में 12 महीने तक होती है| इतने समय तक इसमें पौष्टिकता भी बरकरार रहती है|
गौरतलब है कि एपीडा के सहयोग से बाजरा, ज्वार, रागी सहित बाजरा की खेती को बढ़ाने के साथ-साथ उत्पादन को बढ़ाने पर कार्य किया जा रहा है|
बाजरा के पोषण मूल्य को देखते हुए सरकार ने अप्रैल 2018 में बाजरा को पोषक अनाज के रुप में अधिसूचित किया है. बाजरा कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, खनिज और आयरन का महत्वपूर्ण स्त्रोत है| इसके साथ ही इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम है| बाजरा के गुणों को देखते हुए यूएनजीए ने वर्ष 2021 में 2023 को अंतराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया है| सरकार की पहल पर बाजरा का उत्पादन 2015-16 में 14.52 मिलियन टन से बढ़कर 2021-21 में 17.96 मिलियन टन हो गया एपीडा ने पूर्वोत्तर क्षेत्र और हिमालयी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों जैसे जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के महिला उद्यमियों, किसान उत्पादक संगठनों और स्टार्टअप्स को निर्यात में सपोर्ट करता है|
एपीडा के अध्यक्ष डॉ एम अंगमुथु ने कहा कि एपीडा के दूरदर्शी दृष्टिकोण, अक्रामक रवैये और लगातार प्रयास के जरिए भारत को कृषि उत्पाद के आपूर्तिकर्ता के रुप में स्थापित करने में मदद की है| एपीडा ने दुनिया के प्रमुख आयातक देशों के साथ कृषि और खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ोतरी देने के लिए कई पहल की है|