भारतीय सूबे मणिपुर और मिजोरम में ही कर्फ्यू के हालात है लेकिन पूर्वोत्तर का मेघालय अपने प्राकृतिक अनानास की पैदावार से खाड़ी देशों में अपनी खूबियों से लोगों को लुभा रहा है। एक एसपीओ की मदद से यह काम लुलु मॉल के प्रबंधन ने किया है। इस मिल की मदद से बनारस का लंगड़ा व लखनऊ का दशहरी आम खाड़ी देशों में निर्यात किया गया है।
बढ़ते बाजार संबंध ने किसानों की आजीविका को बढ़ाया है। सूबे के अनानास की असाधारण मिठास और कम खटास के साथ मेघालय के अनानास की बेहतर गुणवत्ता को भी प्रदर्शित किया है। मेघालय सरकार ने अतीत में किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों को पहचाना है। समुदाय-केंद्रित समाधानों के साथ उन्हें सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है।किसान सहकारी समितियों और उत्पादक संगठनों (FPO) का गठन बिचौलियों और व्यापारियों पर निर्भरता कम करने में सहायक साबित हुआ है, जिससे मेघालय के किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त करने में मदद मिली है। दिल्ली में होने वाला आगामी ‘अनानास महोत्सव’ उत्पाद को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय बाजार में उनकी उपस्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
मेघालय के कृषि सचिव सचिव विजय कुमार डी ने कहा, पूर्वी गारो हिल्स जिले में चार गांवों के 250 से अधिक किसान परिवारों के साथ आईवीसीएस पूरे अनानास के मौसम में लगभग 100 टन का उत्पादन करता है। यह इस बात का उदाहरण है कि कैसे सफल सामूहिकता के परिणामस्वरूप किसानों की आय दोगुनी हो सकती है। किसानों को पहले फल के वजन की परवाह किए बिना प्रति अनानास केवल 10 रुपये मिलते थे, लेकिन अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के साथ सामूहिकता और बाजार जुड़ाव के साथ उन्हें 16 रुपये प्रति किलोग्राम का भाव मिला हैं जो 21 रुपये प्रति फल के बराबर है। निर्यात किए गए फल का औसत आकार 1.3 किलोग्राम है। ऐसे में पहले के मुकाबले किसानों की आय दुगनी हुई है।
हाल ही में भारतीय बाजार में भी मेघालय के अनानास की मज़बूत मौजूदगी के प्रयास किए जा रहे हैं। रिलायंस के साथ नजदीकी आपूर्ति श्रृंखला व्यवस्था की भी सुविधा प्रदान की है, जिसके तहत अनानास को पूरे असम में कंपनी के खुदरा स्टोरों में नियमित रूप से आपूर्ति की जा रही है। यह री भोई जिले के टोमोनपो आंगलोंग ऑर्गेनिक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, उमवांग पाइलुन आईवीसीएस लिमिटेड और जिरांग ऑर्गेनिक एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड द्वारा किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार फलों की ताज़गी (शेल्फ-लाइफ) बढ़ाने और व्यापक बाजारों तक पहुंचने के लिए स्थानीय किसान समूहों के माध्यम से राज्य में प्रसंस्करण क्षमता और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं। मेघालय के कृषि एवं फल प्रसंस्करण विभाग ने अनानास को तुरंत फ्रीज करने के लिए एक मोबाइल प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिए री भोई जिला स्थित IVCS और कर्नाटक स्थित IQF प्राइवेट फूड लिमिटेड के बीच सहयोग की सुविधा प्रदान की है। प्रसंस्करण इकाई ने 52 मीट्रिक टन से अधिक अनानास प्रोसेस किया है।