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मिस्र को गेहूं बेचेगा भारत, यूक्रेन युद्ध के कारण मिला नया बाजार

दुनिया के सबसे बड़े गेहूं आयातक देशों में से एक मिस्र पहले गेहूं के लिए यूक्रेन और रूस पर निर्भर था लेकिन यूक्रेन युद्ध के कारण मिस्र और रास्तों की तलाश करते हुए भारत तक पहुंचा है।

केंद्रीय कॉमर्स और इंडस्ट्री मंत्री पीयूष गोयल ने जानकारी दी है कि मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के रूप में मंजूरी दे दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि भारतीय किसान दुनिया को खिला रहे हैं। मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के रूप में मंजूरी दी है। दुनिया स्थिर खाद्य आपूर्ति के लिए विश्वसनीय वैकल्पिक स्रोतों की तलाश में है। हमारे किसानों ने सुनिश्चित किया है कि हम दुनिया की सेवा के लिए तैयार हैं।

दुनिया के सबसे बड़े गेहूं आयातकों में से एक मिस्र पहले गेहूं के लिए यूक्रेन और रूस पर निर्भर था लेकिन यूक्रेन और रूस के बीच पिछले 50 दिनों से अधिक से जारी युद्ध के कारण मिस्र और रास्तों की तलाश करते हुए भारत तक पहुंचा है। मिस्र सरकार भारत और फ्रांस सहित अन्य देशों से भी वैकल्पिक आपूर्ति को लेकर काम कर रही है।

मिस्त्र भारतीय गेहूं का नया ग्राहक बन कर उभरा है| जिसके तहत शुक्रवार को भारत सरकार को गेहूं निर्यात करने की मंजूरी मिली है|

जानकारी के मुताबिक भारत सरकार मिस्त्र को कुल 10 लाख टन गेहूं का निर्यात करेगी, जिमसें 2.4 लाख टन गेहूं की आपूर्ति इसी महीने अप्रैल में होनी है| असल में अभी तक मिस्त्र अपनी गेहूं की घरेलू जरूरतों के लिए पूरी तरह सेे रूस और यूक्रेन पर निर्भर था| जिसके तहत मिस्त्र ने वर्ष 2020 में रूस से 1.8 अरब डॉलर का और यूक्रेन से 61.08 करोड़ डॉलर के गेहूं का आयात किया था|

मिस्त्र को गेहूं निर्यात करने की मंजूरी मिलने की जानकारी केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट करके दी| उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि भारतीय किसान दुनिया का पेट भर रहे हैं| मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के तौर पर मंजूरी दी है| दुनिया सतत खाद्य आपूर्ति के भरोसेमंद वैकल्पिक स्रोत की खोज में है, ऐसे में मोदी सरकार आगे आई है| उन्होंने आगे कहा है कि हमारे किसानों ने भंडारों को भरा रखा और हम दुनिया की सेवा करने के लिए तैयार हैं|

भारत गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक, निर्यात 1.74 अरब डॉलर तक पहुंचा
भारत गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है| एक आंकड़े के अनुसार भारत सालाना करीब 10.759 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन करता है और ज्यादातर खपत घरेलू स्तर पर ही हो जाती है| वहीं एक अन्य आंकड़े के अनुसार दुनिया के अंदर 2020 में गेहूं के कुल उत्पादन में उसकी हिस्सेदारी करीब 14.14 फीसदी थी. इसी तरह भारतीय गेहूं के निर्यात में भी बढ़ोतरी हुई है| अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 के बीच भारत का गेहूं निर्यात बढ़कर 1.74 अरब डॉलर का हो गया. पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 34.017 करोड़ डॉलर था. 2019-20 में गेहूं निर्यात 6.184 करोड़ डॉलर का था, जो 2020-21 में बढ़कर 54.967 करोड़ डॉलर हो सकता है|

भारत गेहूं का निर्यात मुख्य रूप से पड़ोसी देशों को करता है, जिनमें सर्वाधिक 54 फीसदी निर्यात बांग्लादेश को किया जाता है. वहीं यमन, अफगानिस्तान, कतर और इंडोनेशिया जैसे देश भारतीय गेहूं के नए ग्राहक बन कर उभरे हैं|

वर्ष 2020-21 में भारत से गेहूं का आयात करने वाले शीर्ष दस देशों में बांग्लादेश, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, यमन, अफगानिस्तान, कतर, इंडोनेशिया, ओमान और मलेशिया हैं|

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