उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भारत सरकार के पशुपालन विभाग की तरफ से बुधवार को वन हेल्थ पॉयलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया गया है| इस दौरान उत्तराखंड पशु पालन विभाग के निदेशक डॉ प्रेम कुमार ने राज्य में पशुधन के स्वास्थ्य के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी|
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में सचल पशु डिस्पेन्सरी चलाई जा रही है, ताकि पशु स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सके| साथ ही उन्हाेंने कहा कि राज्य में अधिक से अधिक पशुधन की टैगिंग की जा रही है. यह हमे वन हेल्थ के उद्देश्य को पूरा करने में मदद करेगा|
पशु, मानव और पर्यावरण स्वास्थ्य सुधार के लिए उत्तराखंड में वन हेल्थ पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है| भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग ने उत्तराखंड में वन हेल्थ सपोर्ट यूनिट द्वारा वन हेल्थ फ्रेमवर्क को लागू करने के लिए यह पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है| यूनिट का मुख्य उद्देश्य पायलट परियोजना से मिले परिणामों के आधार पर एक राष्ट्रीय एक स्वास्थ्य रोडमैप विकसित करना है| असल में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार की अध्यक्षता में एक अंतर मंत्रालयी समिति बनाई गई है, जो वन हेल्थ सपोर्ट यूनिट का नेतृत्व कर रही है|
वहीं इस प्रोजेक्ट का संचालन करने के लिए भी कई मंत्रालयों व चिकित्सकों को मिलाकर एक कमेटी बनाई गई है| जिसे परियोजना संचालन समिति (पीएससी) का गठन किया गया है|
पशुपालन विभाग की तरफ से उत्तराखंड में शुरू किए गए वन हेल्थ पायलट प्रोजेक्ट के तहत कई काम किए जाने हैं| जिसमें पीएससी की सिफारिशों के आधार पर स्वास्थ्य, पशुपालन और पर्यावरण मंत्रालयों के सक्षम अधिकारियों को शामिल करके राज्य और जिला स्तर पर स्वास्थ्य समितियां गठित की जाएंगी|
पायलट परियोजना के हिस्से के रूप में किसी भी बीमारी के प्रकोप, प्रसार, प्रबंधन और लक्षित निगरानी योजना के विकास पर डेटा संग्रह तंत्र विकसित किया जाएगा| इसके साथ ही प्रोजेक्ट के तहत प्रयोगशालाओं के नेटवर्क को एकीकृत भी किया जाएगा|
पायलट परियोजना के शुभारंभ करते हुए पशुपालन और डेयरी विभाग के सचिव अतुल चतुर्वेदी ने कहा कि इस परियोजना के तहत तकनीक व वित्त का सहयोग लेते हुए पशुधन, मानव, वन्य जीव और पयार्वरण स्वास्थ्य के सुधार को लेकर काम करेगी|
पशुपालन आयुक्त डॉ. प्रवीण मलिक ने कहा उन्होंने कहा कि इस पायलट परियोजनाओं से क्षमता निर्माण और रोग प्राथमिकता को समझने में मदद मिलेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के लिए छह बिंदुओं की योजना बनाई गई है|
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भारत सरकार के पशुपालन विभाग की तरफ से बुधवार को वन हेल्थ पॉयलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया गया है|
इस दौरान उत्तराखंड पशु पालन विभाग के निदेशक डॉ प्रेम कुमार ने राज्य में पशुधन के स्वास्थ्य के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी| उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में मोबाईल पशु डिस्पेन्सरी चलाई जा रही है, ताकि पशु स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सके. साथ ही उन्हाेंने कहा कि राज्य में अधिक से अधिक पशुधन की टैगिंग की जा रही है| यह हमे वन हेल्थ के उद्देश्य को पूरा करने में मदद करेगा|