लखनऊ : राजनीति में कहावत है कि दिल्ली का रास्ता यूपी होते हुए जाता है, इसलिए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों पर पूरे देश की नजर है. इस चुनाव परिणाम का असर अगले लोकसभा चुनाव पर भी पड़ेगा| राज्य में बीजेपी जहां अपनी सत्ता बरकरार रखना चाहती है, वहीं अखिलेश यादव भाजपा को टक्कर दे रहे हैं| कांग्रेस, बीएसपी और दूसरे दलों ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है| तीसरे फेज का चुनाव संपन्न हो गया अब सबकी निगाहें चौथे चरण पर है, जब 23 फरवरी को 60 सीटों पर वोटिंग होगी|
अवध में लखीमपुर खीरी, लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, फतेहपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, प्रयागराज, बाराबंकी, अयोध्या, अंबेडकर नगर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा जिले शामिल हैं| लखनऊ वेस्ट, कुण्डा, लखनऊ सेंट्रल, लखनऊ कैंट, इलाहाबाद पश्चिम, अमेठी, गौरीगंज, जगदीशपुर, रायबरेली, रानीगंज, प्रयागराज, सिराथू, बाराबंकी, अयोध्या, उन्नाव, गौरीगंज इस इलाके की अहम सीटें हैं|
तीसरे चरण का प्रचार खत्म होते ही अब अवध की असली जंग शुरू हुई है, और बीजेपी ने इसकी शुरुआत योगी सरकार के कार्यों और अपने राम मंदिर के साथ की है| वैसे तो चुनाव कहीं भी हों राम मंदिर भारतीय राजनीति का सदाबहार मुद्दा है|
चौथे चरण में कुल 9 जिलों में मतदान होगा| इसमें अवध के 7 जिले आते हैं| विधानसभा की 118 सीटों वाले इस इलाके में पिछले दो विधानसभा चुनाव के नतीजे बताते हैं कि यहां चुनाव में हवा के रुख का असर ही सूबे की सरकार की भूमिका तय करता है |
चौथे चरण के मतदान में उम्मीदवारों के साथ-साथ केंद्र सरकार के कई मंत्रियों का भी टेस्ट होगा, क्योंकि इस चरण में जिन जिलो में वोट डाले जा रहे हैं, वहां से मोदी सरकार के चार मंत्री आते हैं| पहला नाम है रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का, जिनका संसदीय क्षेत्र लखनऊ है| दूसरा नाम है स्मृति ईरानी का, जिनका संसदीय क्षेत्र अमेठी है| इसके अलावा मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर और लखीमपुर से सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इलाकों में भी चौथे चरण में मतदान होना है|