tag manger - ‘संगठित हिंसा कानून को निरस्त करना ही मणिपुर में असली मुद्दा है’ – KhalihanNews
Breaking News

‘संगठित हिंसा कानून को निरस्त करना ही मणिपुर में असली मुद्दा है’

मणिपुर में कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास ने भाजपा पर अफस्पा को संगठित हिंसा कानून में बदलने का आरोप लगाया| उन्होंने कहा कि संगठित हिंसा कानून को निरस्त करना ही मणिपुर में असली मुद्दा है, लेकिन भाजपा लोगों की मांग और विचार का सम्मान नहीं कर रही है| इसके साथ ही, कांग्रेस ने भाजपा के घोषणा पत्र में संगठित हिंसा कानून को लेकर चुप्पी साधने का भी आरोप लगाया|

मणिपुर के कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास ने मीडिया से बातचीत के दौरान वादा किया कि मणिपुर में अगर कांग्रेस की सरकार बनती है, तो वह सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) कानून या अफस्पा को निरस्त करने के लिए काम करेगी|

मुख्यमंत्री पद के चेहरे के बारे मे उन्होंने कहा कि पार्टी के पास पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह समेत कई सक्षम नेता हैं| सिंह सक्रिय हैं और राज्य के नेतृत्व के लिए बहुत मजबूत चेहरा हैं|

भक्त चरण दास ने विश्वास जताया कि पार्टी राज्य में सरकार बनाएगी और उसे 60 सदस्यीय विधानसभा में करीब 35-40 सीटें मिलेंगी| उन्होंने दावा किया कि एन बीरेन सिंह सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर बहुत मजबूत है, क्योंकि वह एक भी चुनावी वादा पूरा करने में नाकाम रही है|

उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस की मानसिकता वाला राज्य है| यहां लगातार तीन बार कांग्रेस सरकार रही है, जो दिखाता है कि राज्य में कांग्रेस की नींव मजबूत है| भाजपा जनादेश से सत्ता में नहीं आई, बल्कि एक तरह का प्रबंधन करके आई और अवैध रूप से अब भी सत्ता में बनी हुई है|

अफस्पा के मुद्दे के बारे में दास ने कहा कि पूरे पूर्वोत्तर में यह बहुत बड़ा मुद्दा है| खासतौर से नगालैंड की घटना के बाद जिसमें नागरिक मारे गए थे| उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट रूप से अफस्पा का दुरुपयोग था| वह नगालैंड की उस घटना का जिक्र कर रहे थे, जिसमें सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में 14 लोग मारे गए थे| कांग्रेस नेता ने कहा कि मणिपुर में भी यह बड़ा मुद्दा है और कांग्रेस ने इस कानून को निरस्त करने का रुख अपनाया है|

About admin

Check Also

एथेनॉल के ल‍िए मक्का की खेती बढ़ाने में जुटा भारत

एथेनॉल के ल‍िए मक्का की खेती बढ़ाने में जुटा भारत

देश के विभिन्न हिस्सों में पानी के संकट और लगातार बदलती आबोहवा के मद्देनजर सरकारों …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *