नेपाल सहित तीन देशों में मंगलवार 7 जनवरी की सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता नेपाल में 7.1 रही. भारत के बिहार, सिक्किम, और उत्तर बंगाल के कुछ हिस्सों में भी झटके महसूस किए गए। तिब्बत में भूकंप की तीव्रता 6.8 दर्ज की गई। उत्तर बंगाल के माल्दा और सिक्किम में भी धरती हिली। बिहार के मोतिहारी और समस्तीपुर जैसे इलाकों में सुबह 6.40 बजे के आसपास भूकंप आया, जो लगभग पांच सेकंड तक चला। जानकारी के मुताबिक नेपाल की सीमा के निकट तिब्बत क्षेत्र में आए शक्तिशाली भूकंप में कम से कम 32 लोगों की मौत होने की सूचना है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं, तो धरती हिलने लगती है, जिसे भूकंप कहा जाता है। इसे रिक्टर स्केल पर नापा जाता है, जो 1 से 9 तक होती है।
भूकंप की तीव्रता के अनुसार उसका असर अलग-अलग होता है। यदि 1.9 तक की तीव्रता वाले भूकंप का पता सिर्फ सीज्मोग्राफ से चलता है। दो से 2.9 की तीव्रता पर हल्का कंपन महसूस होता है, जबकि 3 से 3.9 की तीव्रता पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक गुजर रहा हो। भूकंप की 4 से 4.9 की तीव्रता पर खिड़कियां टूट सकती हैं और दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार 5 से 5.9 की तीव्रता पर फर्नीचर हिल सकता है. 6 से 6.9 की तीव्रता वाले भूकंप इमारतों की नींव को कमजोर कर सकते हैं। 7 से 7.9 की तीव्रता पर इमारतें ढह सकती हैं और पाइप लाइनें फट सकती हैं. 8 से 8.9 की तीव्रता पर बड़े पुल भी गिर सकते हैं। नौ या उससे अधिक की तीव्रता पर भारी तबाही मच सकती है और समुद्र के पास सुनामी का खतरा हो सकता है।
ख़बरों के मुताबिक नेपाल सहित तीन देशों में मंगलवार सुबह-सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेपाल में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.1 रही। बिहार, सिक्किम, असम और नॉर्थ बंगाल सहित भारत के कई इलाकों में भी झटके महसूस किए गए। तिब्बत में 6.8 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया।
ख़बरों में बताया गया है कि शिजांग स्वायत्त क्षेत्र (तिब्बत) के डिंगरी काउंटी में आए 7.1 तीव्रता के भूकंप में 95 लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों घायल हुए हैं। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार भूकंप के बाद लोगों की जान बचाने और हताहतों की संख्या कम करने के लिए सभी तरह के बचाव प्रयासों का आदेश दिया है।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, 7.1 तीव्रता का पहला भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 6:35 बजे नेपाल-तिब्बत सीमा के पास शिजांग में आया। इतनी तीव्रता का भूकंप काफी शक्तिशाली माना जाता है और गंभीर क्षति पहुंचाने में सक्षम है। चीनी अधिकारियों ने तिब्बत के दूसरे सबसे बड़े शिगात्से शहर में भूकंप की तीव्रता 6.8 दर्ज की। उसी शिजांग क्षेत्र से एक घंटे के अंदर भूकंप के 5 और झटके महसूस किए गए, जिनकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.7 और 4.9 मापी गई। भूकंप का केंद्र वहां स्थित था जहां भारत और यूरेशिया की टेक्टोनिक प्लेटें टकराती हैं।