खनौरी बार्डर पर अनशनकारी किसान नेता जगजीत सिंह डल्ले वाल की सेहत को लेकर सिख संगठनों ने गहरी चिन्ता व्यक्त की है। अकाल तख्त ने संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के संयोजक जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य को लेकर चिंता व्यक्त की है। श्री गुरु गोबिंद सिंह की जयंती के अवसर पर स्वर्ण मंदिर परिसर में अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि वैसे तो सिख परंपरा भूख हड़ताल जैसी अवधारणा की कोई जगह नहीं है, लेकिन यह बेहद निंदनीय है कि अन्नदाता को अपने अधिकार के लिए भूख हड़ताल करनी पड़ रही है। दैनिक ‘दि ट्रिब्यून’ की एक रिपेार्ट के मुताबिक, जत्थेदार ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि उन्हें किसानों की उचित मांगों को मान लेना चाहिए, ताकि वे शांतिपूर्वक अपने घर लौट सकें।
जगजीत सिंह डल्लेवाल न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर 44 दिन से खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे हैं। उनकी तबीयत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। बीते सोमवार को ही उनका ब्लड प्रेशर काफी कम हो गया था और पल्स रेट भी 42 पर पहुंच गया था। पंजाब सरकार समेत अन्य नेता-मंत्री उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता जता रहे हैं. हालांकि, डल्लेवाल मांगें पूरी न होने तक अनशन तोड़ने को तैयार नहीं हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, मंगलवार को पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने डल्लेवाल की सेहत पर चिंता जताते हुए कहा कि राज्य सरकार उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किसान नेता डल्लेवाल से बात करने की अपील की।
बलबीर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है। मैं प्रधानमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री से अपील करता हूं कि वे उनसे बात करें. अगर प्रधानमंत्री उनसे टेलीफोन पर भी बात करते हैं तो भी पूरी समस्या का समाधान हो जाएगा। पंजाब की बॉर्डर भी खुल जाएंगी।