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पंजाब की सियासत में एक बार फिर इस बात की जोरदार चर्चा है कि शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल और उनके चचेरे भाई मनप्रीत सिंह बादल एक मंच पर आ सकते हैं। पिछले कुछ सालों में कई बार ऐसी चर्चा हो चुकी है। इस बार मनप्रीत बादल के अकाली दल में वापस आने की चर्चाओं ने इसलिए जोर पकड़ा है क्योंकि गिद्दड़बाहा सीट पर विधानसभा का उपचुनाव होने जा रहा है। यह सीट पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के लुधियाना सीट से सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई है।
पंजाब की सियासत में एक बार फिर इस बात की जोरदार चर्चा है कि शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल और उनके चचेरे भाई मनप्रीत सिंह बादल एक मंच पर आ सकते हैं। पिछले कुछ सालों में कई बार ऐसी चर्चा हो चुकी है। इस बार मनप्रीत बादल के अकाली दल में वापस आने की चर्चाओं ने इसलिए जोर पकड़ा है क्योंकि गिद्दड़बाहा सीट पर विधानसभा का उपचुनाव होने जा रहा है। यह सीट पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के लुधियाना सीट से सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई है।

पंजाब : सुखबीर सिंह बादल का शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा

पंजाब : सुखबीर सिंह बादल का शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफाशिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष, सुखबीर सिंह बादल ने आज 16 नवंबर को पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। यह जानकारी शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर दी।

डॉ. चीमा ने बताया कि सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी की कार्यसमिति को अपना इस्तीफा सौंपा, जिससे नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो सके। इस्तीफे में बादल ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करते हुए, उनके समर्थन और सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

इस फैसले के बाद अब पार्टी के भीतर नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चर्चा तेज हो गई हैं। यह कदम आगामी चुनावों को देखते हुए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि शिरोमणि अकाली दल को पंजाब की राजनीति में एक नया दिशा देने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। सुखबीर सिंह बादल का इस्तीफा शिरोमणि अकाली दल के इतिहास में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है, क्योंकि उनकी अगुवाई में पार्टी को पिछले विधानसभा चुनावों में कुछ बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था।

गौरतलब है कि अगस्त में अकाल तख्त ने सुखबीर सिंह बादल को “तनखैया” करार दिया था। यह फैसला उनकी पार्टी के 2007 से 2017 तक के शासनकाल में हुई कथित गलतियों के चलते लिया गया था। इसके बाद जुलाई में पार्टी की कोर कमेटी भंग कर दी गई थी। चीमा ने बताया था कि जल्द ही कोर कमेटी का पुनर्गठन किया जाएगा।

पंजाब की सियासत में एक बार फिर इस बात की जोरदार चर्चा है कि शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल और उनके चचेरे भाई मनप्रीत सिंह बादल एक मंच पर आ सकते हैं। पिछले कुछ सालों में कई बार ऐसी चर्चा हो चुकी है। इस बार मनप्रीत बादल के अकाली दल में वापस आने की चर्चाओं ने इसलिए जोर पकड़ा है क्योंकि गिद्दड़बाहा सीट पर विधानसभा का उपचुनाव होने जा रहा है।

यह सीट पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के लुधियाना सीट से सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई है।

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