केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने देश भर में ग्राम पंचायतों की शासन क्षमता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से कई बड़े फैसले लिए हैं। पंचायती राज मंत्रालय की केंद्रीय अधिकारप्राप्त समिति (सीईसी) की 8वीं बैठक में राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) के तहत नई योजनाओं पर सहमति बनी। इन फैसलों में मानकीकृत मानदेय प्रणाली, पंचायत अधिकारियों का दीर्घकालिक प्रशिक्षण, स्मार्ट कक्षाओं में निर्वाचित प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण और पंचायत भवनों के निर्माण जैसी कई पहल शामिल हैं।
बैठक में राज्य स्तर पर पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) के मास्टर प्रशिक्षकों, अतिथि संकायों और विशेष संसाधनों के लिए मानदेय दरों को मानकीकृत करने पर सहमति बनी। इससे सभी राज्यों में प्रशिक्षण की एकरूपता आएगी, जिससे पीआरआई की क्षमता बढ़ेगी। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में इस कदम का असर विशेष रूप से देखने को मिलेगा।
इसके साथ ही, पंचायत अधिकारियों के लिए एक वर्ष तक के दीर्घकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रायोजित करने का भी निर्णय लिया गया है। इस कदम का मकसद ग्रामीण विकास में आवश्यक विशेषज्ञता और कौशल को बढ़ाना है। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में स्थानीय नियोजन, संसाधन जुटाना और आपदा प्रबंधन जैसे विषयों को शामिल किया जाएगा, जिससे स्थानीय स्तर पर योजनाओं का कार्यान्वयन बेहतर हो सकेगा।
सीईसी ने आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब और तेलंगाना समेत कई राज्यों में 3,301 नए पंचायत भवनों और 22,164 कंप्यूटरों के वितरण को मंजूरी दी है। इन नई सुविधाओं से डिजिटल प्रशासन को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर प्रशासनिक सेवाएं उपलब्ध होंगी।
गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्यों में पंचायत संसाधन केंद्रों (एसपीआरसी और डीपीआरसी) को भी अत्याधुनिक कंप्यूटर और डिजिटल उपकरणों से लैस किया जाएगा। इन केंद्रों में प्रोजेक्टर, एलसीडी, इंटरैक्टिव पैनल और पीए सिस्टम जैसी तकनीकी सुविधाएं जोड़ी जाएंगी, जिससे पंचायत प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण और अधिक प्रभावी हो सकेगा।
गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्यों में पंचायत संसाधन केंद्रों (एसपीआरसी और डीपीआरसी) को भी अत्याधुनिक कंप्यूटर और डिजिटल उपकरणों से लैस किया जाएगा। इन केंद्रों में प्रोजेक्टर, एलसीडी, इंटरैक्टिव पैनल और पीए सिस्टम जैसी तकनीकी सुविधाएं जोड़ी जाएंगी, जिससे पंचायत प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण और अधिक प्रभावी हो सकेगा।
बैठक में पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में पंचायत भवनों और सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) के निर्माण का भी निर्णय लिया गया। जम्मू-कश्मीर में 970 ग्राम पंचायत भवन और 1,606 सीएससी का निर्माण होगा। इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश में 400 पंचायत भवन-सह-सीएससी का निर्माण प्रस्तावित है, जिससे स्थानीय प्रशासन को मजबूती मिलेगी।