हरिद्वार जिले के झबरेड़ा थाना क्षेत्र में किसानों के नाम पर हुए करोड़ों के फर्जीवाड़े का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। झबरेड़ा पुलिस ने किसानों के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार कर 36 करोड़ रुपए से अधिक का क्रॉप लोन लेने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। किसानों के नाम पर धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब किसानों के घर लोन अदायगी के नोटिस पहुंचे। इसके बाद पीड़ित किसानों ने डीजीपी के जनता दरबार में इस मुद्दे को उठाया था।
डीजीपी को जनता दरबार में शिकायत मिलने पर मामले की जांच शुरू की गई। जांच में पीएनबी इकबालपुर शाखा और शुगर मिल प्रबंधन की मिलीभगत सामने आई। इसके बाद इकबालपुर के तत्कालीन चौकी प्रभारी मोहन कठैत ने साल 2021 में शुगर मिल प्रबंधन और बैंक के तत्कालीन मैनेजर के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया।
इसके बाद इस गंभीर मामले की जांच सीबीसीआईडी और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंपी गई। जांच में सामने आया कि इस धोखाधड़ी का जाल 2008 से लेकर साल 2020 तक बुना गया। जिसमें पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) इकबालपुर शाखा और शुगर मिल प्रबंधन की मिलीभगत से किसानों और मजदूरों के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर 36 करोड़ 50 लाख रुपए का क्रॉप लोन लिया गया था। जांचकर्ता निरीक्षक वेद प्रकाश थपलियाल ने मामले में पांच आरोपियों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किए गए थे।
पुलिस के अनुसार, इकबालपुर शुगर मिल के तत्कालीन केन मैनेजर पवन ढींगरा की वर्तमान में लक्सर शुगर मिल में केन मैनेजर के पद पर तैनाती है। जबकि तत्कालीन एकाउंट मैनेजर उमेश शर्मा की वर्तमान में शाकुंभरी शुगर मिल बेहट में एकाउंट मैनेजर के पद पर तैनाती है।