महाराष्ट्र में अभी तक चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन माना जा रहा है कि इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव करा लिए जाएंगे।
महाराष्ट्र के दिग्गज नेता शरद पवार को उम्मीद है कि नवंबर के दूसरे हफ्ते तक चुनाव प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। शरद पवार ने आशा जताई है कि महाराष्ट्र में आगामी चुनावी मुकाबले में वे मंहा विकास अघाड़ी(एमवीए) के सहयोगी कौन बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि एमवीए में किसान और मजदूर पार्टी (पीडब्ल्यूपी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीआई-एम) को भी शामिल किया जाना चाहिए। पवार के अनुसार इन पार्टियों का राज्य में कुछ इलाकों में प्रभाव है और उन्होंने लोकसभा चुनावों में एमवीए की मदद की।
महाराष्ट्र में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने के सवाल पर अभी एमवीए ख़ामोश है। शरद पवार ने कहा, ‘सीएम का चेहरा घोषित न करने से कहीं कोई परेशानी या बाधा नहीं है। लेकिन अभी इस बारे में सोचने की जरूरत नहीं है। नेतृत्व कौन करेगा, यह संख्या के हिसाब से तय होना चाहिए. चुनाव से पहले ऐसी कोई व्यवस्था करने की जरूरत नहीं है।’ पवार की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब शिवसेना उद्धव ठाकरे को एमवीए गठबंधन के संभावित मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश कर रही है। दिल्ली दौरे के दौरान ठाकरे ने कांग्रेस के सभी प्रमुख नेताओं से मुलाकात की थी, जिसमें राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल और रणनीतिकार सुनील कनुगोलू शामिल थे। कांग्रेस ने उद्धव से सीट बंटवारे पर फैसला करने और गठबंधन के अंदर किसी भी तरह के टकराव से बचने के लिए साझा सर्वे पर सहमत होने का अनुरोध किया।
गौरतलब है कि दूसरी ओर, ठाकरे ने देश की सबसे पुरानी पार्टी के नेतृत्व से उस फार्मूले को खत्म करने को कहा, जिसके तहत चुनाव के बाद अधिकतम सीटें जीतने वाली पार्टी को मुख्यमंत्री की कुर्सी दी जाएगी। ठाकरे का कहना था कि इससे गठबंधन में दरार पैदा हो सकती है, क्योंकि हर पार्टी अपनी जीत की संभावना को मजबूत करने के लिए ज्यादा से ज्यादा सीटों की मांग करेगी।