राजस्थान का नाम लेते ही रेत के धोरों की छवि और पानी का संकट जेहन में आता है।राजस्थान का सवाईमाधोपुर जिला मीठे अमरूदों के नाम से मशहूर है। जिले के अमरूद की पहचान उसकी गुणवत्ता एवं स्वाद के कारण पूरे देश में बनी है। सवाईमाधोपुर पेडे के नाम से मशहूर अमरूद खाने में मीठे होते है। ऐसे में इनको सवाईमाधोपुरके पेडे के नाम से भी जानते है। स्थिति ये है कि पूरे प्रदेश में सवाईमाधोपुर एकमात्र जिला है, जहां अमरूदों की बागवानी सर्वाधिक होती है। जिले में सर्वाधिक 75 प्रतिशत अमरूदों की बागवानी होती है।
सवाई माधोपुर जिले में पिछले एक दशक से बागवानी की तस्वीर बदलने लगी है। क्षेत्र के काश्तकार परंपरागत खेती से हटकर अब अमरूदों की बागवानी कर रहे है। स्थिति ये है कि जिले में 10 साल पहले 3 हजार हैक्टेयर में अमरूदों के बगीचे लगे थे, जो अब पांच गुणा बढ़कर 15 हजार हैक्टयर में पहुंच गए है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि अच्छी आमदनी व मुनाफा होने से अब किसान अमरूदों की बागवानी लगाने में ज्यादा रूचि दिखा रहे है।
मिली जानकारी के अनुसार इस बार जिले में 1 हजार हैक्टेयर में नए बगीचे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं स्थानीय स्तर पर पौध तैयार करने पर इस बार उत्तर प्रदेश से 5 लाख पौध मंगवाई जाएगी, जबकि पिछले साल उद्यान विभाग ने 10 लाख पौध यूपी से मंगवाई थी। स्थानीय स्तर पर अमरूदों की पौध तैयार होने से किसानों को लाभ मिलने लगा है।
दरअसलएअब जिले के किसानों का रूझान अमरूद बागवानी की ओर बढ़ा है। अमरूद के प्रति किसानों के रूझान को देखते हुए इसके पौधे के नर्सरियों की संख्या काफी बढ़ गई है। ऐसे में अब जिले में ही अमरूदों की नर्सरियां तैयार होने लगी है।