राज्य सरकार बकरी पालन योजना के तहत 5 लाख रुपये से लेकर 50 लाख तक का लोन दे रही है। इसमें लाभार्थियाें को 50 से 60 प्रतिशत सब्सिडी भी मिलेगी। सरकार की मंशा युवाओं को बकरी पालन के माध्यम से रोजगार देने और गरीबों व छोटी जोत वाले किसानों को आय के अवसर मुहैया कराने की है।
इस योजना का लाभ केवल राजस्थान के निवासी ही ले सकते हैं। आप भी राजस्थान के निवासी हैं और बकरी पालन का बिजनेस करने के बारे में सोच रहे हैं तो इस योजना से आपको काफी लाभ हो सकता है। राज्य के छोटे किसान और रोजगार की खोज में लगे लोग बकरी पालन योजना के तहत बकरी पालन बिजनेस के लिए 5 लाख से 50 लाख का लोन ले सकते है। इस लोन को अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है, जिसके अुनसार आपको 50 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलेगी।
गौरतलब है कि राजस्थान में बकरी की मुनाफा देने वाली प्रमुख नस्लों से लाभान्वित होना संभव है। इन नस्लों में राजस्थान में सिरोह, मारवाड़ी और जखराना बकरियों की मुख्य नस्लें हैं।सिरोही नस्ल अरावली पर्वत शृंखला के आसपास के इलाकों के अलावा सिरोही, अजमेर, नागौर, राजसमंद, टोंक आदि स्थानों में पाई जाती है। इसी तरह से मारवाड़ी नस्ल जोधपुर, पाली, बीकानेर, बाड़मेर, जालौर, जैसलमेर में पाई जाती है। यह मध्यम आकार की काली बकरी है, जिसका शरीर बालों से ढका होता है। जखराना नस्ल की बकरी अलवर और इसके आसपास के इलाकों में पाई जाती है। इसका रंग काला होता है और मुंह-कान पर सफेद स्पॉट्स (धब्बे) होते हैं।
गौरतलब है कि इस योजना में आवेदन करने के लिए आपको अपने क्षेत्र के नजदीकी पशु चिकित्सा कार्यालय में जाना होगा। यहां आप संबंधित अधिकारी से योजना के सभी पहलुओं पर जानकारी हासिल कर योजना का आवेदन पत्र लेना होगा। इसके बाद आवेदन पत्र को निर्धारित फॉर्मेट में भरकर सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ कार्यालय में जमाकर पावती लेनी होगी। इस प्रक्रिया के बाद विभाग आपके आवेदन और दस्तावेजों की समीक्षा करेगा और सही पाए जाने पर आपको योजना का लाभ दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि अगर आप राजस्थान बकरी पालन योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए कई दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए आपको आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, भूमि से जुड़े दस्तावेज, पशुपालन प्रशिक्षण प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक और मोबाइल नंबर जमा करने की जरूरत है।