लाल भिंडी में हरी भिंडी की तुलना में अधिक पोष्टिक तत्व पाए जाते हैं, खासकर एंथोसायनिन और एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा अधिक रहती है। यह आहारीय फाइबर, प्रोटीन और आयरन, कैल्शियम और आयोडीन जैसे खनिजों से भी समृद्ध है। लाल भिंडी के एंटीऑक्सीडेंट गुण बीमारियों से बचाते हैं और इम्युनिटी में सुधार करता है।
इसकी खेती भी हरी भिंडी की तरह ही की जाती है। किसानों को इससे कमाई ज्यादा होती है। लाल भिंडी का रेट हरी भिंडी से काफी ज्यादा है। जिसके कारण यह अभी तक आम लोगों की रसोई तक नहीं पहुंच पाया है। कई राज्यों में किसान लाल भिंडी की खेती भी कर रहे हैं। इसी तरह लाल भिंडी में हरी भिंडी की तुलना में अधिक विटामिन और पोषक तत्व पाए जाते हैं।
लाल भिंडी में हरी भिंडी की तुलना में अधिक पोष्टिक तत्व पाए जाते हैं, खासकर एंथोसायनिन और एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा अधिक रहती है. यह आहारीय फाइबर, प्रोटीन और आयरन, कैल्शियम और आयोडीन जैसे खनिजों से भी समृद्ध है. लाल भिंडी के एंटीऑक्सीडेंट गुण बीमारियों से बचाते हैं और इम्युनिटी में सुधार करता है. जिससे यह हरी भिंडी की तुलना में अधिक कीमतों के साथ अत्यधिक मांग वाली फसल बन जाती है। बता दें यह किस्म 2022 में आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा जारी की गई थी और 17 जनवरी 2023 को एनसीटी दिल्ली कृषि और बागवानी फसलों के लिए राज्य बीज-समिति, सरकार द्वारा अनुमोदित की गई थी।
जहां तक लाल भिंडी की खेती की बात है किसानों के लिए यह लाभदायक है। लाल लाल भिंडी हमेशा 100 रुपये प्रति किलो से ज्यादा कीमत पर बिकती है। वहीं, महंगाई बढ़ने पर इसका रेट भी बढ़कर 500 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाता है। अगर किसान एक एकड़ जमीन पर इसकी खेती करें तो एक सीजन में 50 से 60 क्विंटल लाल भिंडी का उत्पादन होगा। इस तरह आप सिर्फ एक सीजन में लाल भिंडी बेचकर 25 लाख रुपये तक कमा सकते हैं।
काशी लालिमा किस्म की लाल भिंडी की खेती रबी और खरीफ दोनों सीजन में आसानी से की जा सकती है। हालांकि, इसके लिए आपको बीज खरीदते वक्त यह ध्यान देना होगा कि वह किस सीजन के बीज हैं।