सूरत में एक कार्यक्रम में प्रधाननमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्राकृतिक खेती सिर्फ खेती नहीं बल्कि धरती मां, गौमाता और जीव की सेवा है| इसके जरिए किसानों की आय के लिए नए स्त्रोत खुलते हैं| उन्होंने कहा कि देश में प्राकृतिक खेती के लेकर एक बड़ा अभियान चल रहा है| सूरत में आयोजित इस कार्यक्रम में इसकी झलक दिखाई देती है| यह देश के एक बड़े कार्यक्रमो में से एक है|
गुजरात में प्राकृतिक खेती का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सूरत जिला प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में देश के अमृत संकल्प को एक गति दे रहा है| यही कारण कि आज सूरत के अलग-अलग 550 ग्राम पंचायतों के 40,000 से अधिक किसान आज प्राकृतिक खेती कर रहे हैं|
सूरत में प्राकृतिक खेती की सफलता के लिए उन्होंने वहां की जनता और जनप्रतिनिधियों की सराहना करते हुए कहा कि वहां से लोगों ने काफी मेहमत की| खेती को बढ़ावा देने के लिए गांव स्तर पर टीम और टीम लीडर बनाए गए| पंचायतों में ग्राम सभा की बैठक की गयी और 75 किसानों का चयन किया गया है|
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल भारत अभियान की अभूतपूर्व सफलता उन लोगों को देश की ओर से जवाब है जो कहा करते थे कि गांवों में बदलाव लाना आसान नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ प्राकृतिक खेती से जुड़ा जन-अभियान आने वाले वर्षों में बेहद सफल होगा। जितनी जल्दी किसान इससे जुड़ेंगे, उतनी जल्दी ही उन्हें इसके फायदे मिलेंगे।’’
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि प्राकृतिक खेती को अपनाना, मिट्टी की गुणवत्ता और उत्पादकता की सुरक्षा करके धरती माता की सेवा करने के समान है।उन्होंने कहा, ‘‘जब आप प्राकृतिक कृषि करते हैं तो आप प्रकृति और पर्यावरण की सेवा कर रहे होते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ प्राकृतिक खेती से जुड़ा जन-अभियान आने वाले वर्षों में बेहद सफल होगा। जितनी जल्दी किसान इससे जुड़ेंगे, उतनी जल्दी ही उन्हें इसके फायदे मिलेंगे।’’
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि प्राकृतिक खेती को अपनाना, मिट्टी की गुणवत्ता और उत्पादकता की सुरक्षा करके धरती माता की सेवा करने के समान है। उन्होंने कहा, ‘‘जब आप प्राकृतिक कृषि करते हैं तो आप प्रकृति और पर्यावरण की सेवा कर रहे होते हैं।’’