हिमाचल प्रदेश से आने वाले सेब सीजन में सेब अब 20 किलो क्षमता वाले यूनिवर्सल कार्टन में पैक होगा। इसको लेकर प्रदेश सरकार के फैसले के बाद आज अधिसूचना भी जारी हो गई है। प्रदेश के बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा है कि बागवान लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। जिसे लेकर सरकार ने इस पर पहले ही निर्णय कर लिया था। अब इसको लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद प्रदेश में सेब की खरीद-बिक्री वजन के हिसाब से होने का नियम तय किया था। इसके बाद समान वज़न के लिए यूनिवर्सल कार्टन की मांग तेज़ी से बढ़ी थी। वहीं सरकार ने इस आने वाले सेब सीज़न से इसे लागू करने की बात कही थी, जो अब पूरी हो जाएगी।
प्रदेश सरकार में बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि बीते विधानसभा सत्र के दौरान प्रदेश सरकार ने प्रदेश में यूनिवर्सल कार्टन लागू करने की बात कही थी। इस विषय में फैसला पहले ही हो चुका है। अब इसको लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। जगत सिंह नेगी ने बताया कि अब सभी ग्रेड के सेब के लिए 20 किलो की क्षमता वाले बॉक्स उपलब्ध होंगे। जिसे लेकर लंबे समय से बागवान इसकी मांग कर रहे थे।
श्री नेगी ने कहा कि इससे प्रदेश के बागवानों की आय में भी वृद्धि होगी और उन्हें फसल के अच्छे दाम मिल पाएंगे। वहीं कार्टन की उपलब्धता को लेकर जगत सिंह नेगी ने कहा कि इस विषय में पहले ही कार्टन कंपनियों को भी जानकारी दे दी गई थी। ऐसे में कार्टन की उपलब्धता आसानी से हो जाएगी। वहीं किसी विपरीत परिस्थिति के लिए भी प्रदेश सरकार पूरी तरह से तैयार है।
सेब की इस नई पैकेजिंग की मंडियों में स्वीकार्यता को लेकर जगत सिंह नेगी ने बताया कि यूनिवर्सल कार्टन फल मंडियों में लागू करने के लिए सरकार का अधिकार क्षेत्र केवल प्रदेश के अंदर है। नेगी ने कहा कि हालांकि जब प्रदेश भर में एक मानक से सेब पैक होगा तो प्रदेश के बाहर की फल मंडियों में भी यूनिवर्स कार्टन स्वीकार होगा।
शिमला में गत दो दिनों से वर्षा और ओलावृष्टि से तापमान में गिरावट आ गई है। वहीं ठियोग क्षेत्र में एक बार फिर से ओलावृष्टि होने से सेब की फसल पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। ठियोग उपमंडल सब्जी उत्पादक क्षेत्र भी है, यहां पर फुलगोभी, मटर, फ्रासबीन अधिक मात्रा में उगाया जाता है। इन दिनों सेब व सब्जियों के लिए ओलावृष्टि नुकसानदायक है। सेब के पौधों में इन दिनों फूल आने की प्रक्रिया चल रही है लेकिन मौसम के प्रतिकूल रहने से सेब की सेटिंग पर बुरा असर पड़ रहा है। इस माह की शुरुआत से ही बेमौसमी ठंड और बारिश ने आगामी सेब की फसल को प्रभावित किया है।